उदित वाणी जमशेदपुर : बिष्टुपुर साउथ पार्क कोसी रोड की रहने वाली वर्षा पटेल हत्याकांड में पूर्व एएसआई धर्मेंद्र कुमार को कोर्ट ने दोषी पाया है. मामले की सुनवाई करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश अनिल कुमार मिश्रा ने धर्मेंद्र को दोषी करार दिया है. 28 फरवरी को सजा के बिंदू पर सुनवाई होगी. मामले में मृतक के परिजन की ओर से अधिवक्ता विद्या सिंह ने पैरवी की थी. उन्होंने बताया कि मामले में अनुसंधानकर्ता सुंदर सोरेन समेत कुल 9 लोगों की गवाही हुई थी. गवाही में सुंदर ने बताया था कि 12 नवंबर 2021 को वह वर्षा के घर पर आने के पहले ही शाम 7 बजे घर पर पहुंच गया था. इसके बाद रात 10 बजे वह अपनी बाइक (जेएच 02 एन- 3166) से वर्षा को लेकर वीमेंस कॉलेज रोड होते हुये अपने घर पहुंचा था. वर्षा को अपने घर लेकर जाने के बाद पहले उसके सिर को दीवार से टकराया था. इस बीच वह जमीन पर गिर गयी थी. जमीन पर गिरते ही उसने गला और मुंह को दबा दिया था. वर्षा का दम घुटते ही उसने हाथ की नस को देखा था कि सांस चल रही है या नहीं. घटना की रात ही धर्मेंद्र ने फ्लैट के सुरक्षाकर्मी विपट सिंह को यह कहकर साथ लेकर गया कि घर का पूजा का सामान है. उसे जल्द दी नदी में विसर्जित करना होगा. इसके बाद सुरक्षाकर्मी को लेकर मानगो पुल गया और दो झोला फेंकने के बाद सुरक्षाकर्मी को छोड़ दिया. इसके बाद शव को तार कंपनी तालाब में फेंक दिया था. 18 नवंबर 2021 की सुबह टेल्को थाना क्षेत्र के तार कंपनी तालाब से वर्षा का शव बरामद किया गया था. 12 नवंबर 2021 को वर्षा धर्मेंद्र के साथ गई थी जिसके बाद वह वापस नहीं लौटी. परिजनों ने बिष्टुपुर थाना में गुमशुदगी की शिकायत की थी. इसके बाद 18 नवंबर 2021 को वर्षा की लाश तार कंपनी तालाब से बोरे में मिली थी. शव की पहचान वर्षा की बहन ने की थी. इस मामले में साकची थाना में पदस्थापित एएसआई धर्मेंद्र, चालक जिमी और वर्षा के पूर्व पति पर शक जताया गया था, पर जांच में यह बात सामने आई थी कि धर्मेंद्र ने उसकी हत्या की थी. पुलिस ने धर्मेंद्र को उसके गांव से गिरफ्तार किया था. पूछताछ में धर्मेंद्र ने पुलिस को बताया था कि वह वर्षा से प्यार करता था पर वह जिमी के साथ रहने लगी थी. इसको लेकर दोनों के बीच काफी झगड़ा भी होता था. इन्हीं सब कारणों से उसने वर्षा की हत्या कर दी.
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