उदित वाणी, घाटशिला: सोना देवी विश्वविद्यालय घाटशिला के सभागार में अंतरर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं के सम्मान में कार्यशाला का आयोजन किया गया. राष्ट्र के विकास में महिलाओं की भूमिका विषय पर आयोजित इस सेमिनार में समाजसेवी डॉ कविता परमार मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई. डॉ कविता परमार ने महिलाओं को पहले से मिल चुके अधिकारों पर चर्चा से शुरूआत की. उन्होंने आगे कहा कि भारत देश में महिलाओं की स्थिति दाता के रूप में रही है. जब महिलाओं के दाता स्वरूप में बदलाव आता है तब स्थिति चिंताजनक हो जाती है. डॉ कविता परमार ने कहा कि देश को महिलाओं की जरूरत है. उन्हें आगे आकर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी. महिलाओं को अपना इतिहास स्वयं लिखना होगा. महिलाएं जब वास्तविक रूप से शिक्षित होंगी जागरूक बनेंगी तभी देश आगे बढेगा. महिलाओं को अपना लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढना होगा तभी देश का विकास होगा. महिलाएं मिल रहे अवसर का लाभ उठाएं.
विशिष्ट अतिथि के रूप में घाटशिला की अंचल अधिकारी निशांत अंबर ने उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर बोलते हुए कहा कि सशक्त वही है जो अपने लिए निर्णय लेने में सक्षम है. महिलाओं को देश के लिए एसेट समझना होगा तभी वे देश के विकास में भागीदार बनेंगी. घाटशिला प्रखंड प्रमुख सुशीला टुडू ने कहा कि महिला परिवार में छाया की तरह होती है.इन्होंनें छात्र छात्राओं से आग्रह किया कि वे अनुशासन पर ध्यान दें.कुलसचिव डॉ गुलाब सिंह आजाद ने आमंत्रित सम्मानित महिलाओं को स्वागत और अभिनंदन किया. सोना देवी विश्वविद्यालय की स्थापना के बारे में बताते हुए उन्होंने महिला दिवस के आयोजन का उद्देशय बताया.कुलाधिपति प्रभाकर सिंह ने विद्यार्थीयों को प्रोत्साहित किया. उन्होंने देश के शिक्षण संस्थानों में महिलाओं की बड़ी संख्या को रेखांकित किया.
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