
उदित वाणी, जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन द्वारा सरकार की लोक-कल्याणकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत को परखने हेतु एक विशेष निगरानी अभियान चलाया जा रहा है। उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के निर्देश पर प्रत्येक शनिवार को जिला के सभी प्रखंडों और नगर निकायों में नियुक्त नोडल पदाधिकारी पंचायतों व वार्डों का भ्रमण कर योजनाओं की प्रगति और सेवाओं की उपलब्धता का निरीक्षण करते हैं।
कौन-कौन पहुंचे निरीक्षण के लिए मैदान में?
आज के निरीक्षण अभियान में परियोजना निदेशक आईटीडीए श्रीदीपांकर चौधरी, धालभूम अनुमंडल पदाधिकारी शताब्दी मजूमदार, अपर उपायुक्त भगीरथ प्रसाद, निदेशक एनईपी संतोष गर्ग, घाटशिला एसडीओ सुनील चंद्र, डीसीएलआर नीत निखिल सुरीन, जिला आपूर्ति पदाधिकारी सलमान जफर खिजरी, एसओआर राहुल आनंद, धालभूम डीसीएलआर गौतम कुमार, जिला पंचायत राज पदाधिकारी रिंकू कुमारी और जिला परिवहन पदाधिकारी धनंजय सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए।
इन सभी अधिकारियों ने जमशेदपुर शहरी क्षेत्र सहित जिले के बेको, टांगराइन (पोटका), बनकुचिया (पटमदा), पहाड़पुर (बोड़ाम), काडाडूबा (घाटशिला), द इचड़ा (मुसाबनी), काताशोल (डुमरिया), जुगीशोल (धालभूमगढ़), साकरा (बहरागोड़ा), सिमदी (चाकुलिया), सिंहपुरा (गुड़ांबादा) आदि क्षेत्रों का दौरा किया।
केंद्रों का निरीक्षण: क्या कुछ पाया गया?
नोडल पदाधिकारियों ने आंगनबाड़ी केंद्रों, विद्यालयों, स्वास्थ्य उपकेंद्रों, जन वितरण प्रणाली की दुकानों, मनरेगा कार्यस्थलों और पंचायत भवनों का भौतिक निरीक्षण किया। इस दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता और सार्वजनिक वितरण प्रणाली जैसी सेवाओं की उपलब्धता, गुणवत्ता और आमजन तक उनकी पहुंच की वस्तुस्थिति परखी गई।
पारदर्शिता और समयबद्धता को लेकर प्रशासन गंभीर
उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने स्पष्ट किया कि यह निरीक्षण महज समीक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक नियमित अनुश्रवण प्रक्रिया है। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी योजनाओं का क्रियान्वयन निर्धारित मानकों के अनुरूप हो तथा लाभार्थियों को सुविधाएं पारदर्शी और समयबद्ध ढंग से प्राप्त हों। उपायुक्त ने यह भी रेखांकित किया कि जहां कहीं भी कमियां पाई जाएंगी, वहां आवश्यक सुधारात्मक कदम तुरंत उठाए जाएंगे।
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