
उदित वाणी, रांची : प्रदेश भाजपा ने जेटेट नियमावली के प्रारूप में राज्य सरकार पर झारखंड की स्थानीय भाषाओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है. पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सह गोड्डा के पूर्व विधायक अमित मंडल ने प्रेसवार्ता में बताया कि हेमंत सरकार जेटेट नियमावली के प्रारूप की भाषा सूची में खूंटी से कुरमाली, पलामू व गढ़वा से भोजपुरी तथा गोड्डा से अंगिका और कुड़ुख को हटा दिया गया है. जनगणना फॉर्म से इन भाषाओं को बिना जनसंख्या गणना किए हटाया गया है. उन्होंने कहा कि भाजपा किसी भाषा के विरोध में नहीं, लेकिन अंगिका, भोजपुरी और कुरमाली जैसी भाषाओं को हटाने के इस कृत्य का हम कड़ा विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि कुरमाली को हटाने पर जेएलकेएम पार्टी के नेता जयराम महतो चुप हैं.
इसका मतलब साफ है कि इनका आंदोलन सिर्फ चुनावी लाभ और महागठबंधन को मदद पहुंचाने का माध्यम है. वहीं उन्होंने कहा कि पलामू के छत्तरपुर के विधायक सह वित्तमंत्री राधाकृष्ण किशोर ने भोजपुरी और गोडडा के विधायक दीपिका पांडेय सिंह द्वारा अंगिका को जोड़ने को लेकर लिखित रूप से दिया गया था. लेकिन हेमंत सरकार ने इसे अनसुना कर दिया. उन्होंने कहा कि यदि अंगिका में शपथ लेने वाले विधायक और मंत्री झारखंड विधानसभा व सरकार में मौजूद हैं, तो फिर अंगिका को क्षेत्रीय भाषा में क्यों नहीं माना जा रहा है.
उन्होंने कहा की क्या गोड्डा, पलामू व गढ़वा झारखंड का हिस्सा नहीं है. सरकार साफ करे कि उन भाषाओं को क्यों दरकिनार किया जा रहा है. अमित मंडल ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि भाषाओं के साथ यह अन्याय जारी रहा, तो भाजपा और जनजातीय समाज मिलकर सड़क से लेकर विधानसभा तक जनआंदोलन चलायेंगे. अमित मंडल ने कहा कि सरकार भाषा के नाम पर राज्य की जनता को लड़ाना चाहती है. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार की मंशा नहीं है कि राज्य के बेरोजगार युवाओं को नौकरी मिले. यह सरकार अबुआ नहीं बबुआ सरकार है. हेमंत सरकार ने भाषा और पहचान के साथ खिलवाड़ किया है. सरकार झारखंड की मूल संस्कृति, भाषाओं और जनजातीय पहचान को खत्म करने की साजिश रच रही है.
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