
उदित वाणी, जमशेदपुर : सिदगोड़ा थाना क्षेत्र के 28 नंबर के पास रविवार को ट्रैफिक जांच के दौरान टाटा स्टील के कर्मचारी प्रदीप तीयू के साथ ट्रैफिक पुलिस की कथित बदसलूकी का वीडियो वायरल होने के बाद मामला गरमा गया है। समाजिक माध्यमों पर वीडियो के तेज़ी से फैलने के बाद ट्रैफिक उप पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) नीरज ने तत्काल प्रभाव से मामले की जांच के आदेश दिए। जांच की ज़िम्मेदारी गोलमुरी ट्रैफिक प्रभारी भूषण कुमार को सौंपी गई थी।
देर शाम तक जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद जमशेदपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) पीयूष पांडेय ने दोषी पाए गए ट्रैफिक सिपाही कुंदन कुमार सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। वहीं, घटनास्थल पर वीडियो रिकॉर्ड कर रहे सिपाही संजय यादव के विरुद्ध भी विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
“किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं होगी अनुशासनहीनता” – वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक

एसएसपी पीयूष पांडेय ने बयान जारी कर कहा –
“ड्यूटी के दौरान किसी भी पुलिसकर्मी का ऐसा कृत्य क्षमायोग्य नहीं है। ट्रैफिक पुलिस को जनता के साथ संयम और मर्यादा में व्यवहार करना चाहिए। प्रथम दृष्टया सिपाही कुंदन कुमार सिंह की कार्रवाई अनुचित पाई गई है, जिसके चलते उसे निलंबित कर दिया गया है। वीडियो बना रहे संजय यादव की भूमिका की भी जांच की जा रही है। यदि वह भी दोषी पाया गया, तो उस पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
क्या है वायरल वीडियो में
रविवार को वायरल हुए वीडियो में देखा गया कि न्यू बारीडीह निवासी और टाटा स्टील के कर्मचारी प्रदीप तीयू से ट्रैफिक जांच के दौरान एक सिपाही बदसलूकी कर रहा है। वीडियो में प्रदीप अपनी गाड़ी के कागज़ात दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं सिपाही जबरन वाहन की चाभी निकालते दिख रहा है। इस दौरान दोनों के बीच तीखी नोकझोंक और धक्का-मुक्की भी होती है।
सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन
गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार, मोटर यान अधिनियम (मोटर व्हीकल एक्ट) किसी भी ट्रैफिक पुलिसकर्मी को वाहन की चाभी निकालने, छीनने या टायर की हवा निकालने का अधिकार नहीं देता। साथ ही, ट्रैफिक पुलिस किसी वाहन चालक से हाथापाई या अशोभनीय व्यवहार नहीं कर सकती।
इस मामले में वायरल वीडियो से यह स्पष्ट होता है कि पुलिसकर्मी ने इन नियमों का उल्लंघन किया, जिससे विभाग की छवि को गहरा आघात पहुँचा है।
स्थानीय नागरिकों की तीखी प्रतिक्रिया
घटना के बाद शहरवासियों में रोष व्याप्त है। न्यू बारीडीह, बारीनगर और सिदगोड़ा क्षेत्र के कई स्थानीय नागरिकों ने वीडियो साझा कर ट्रैफिक पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न खड़े किए हैं। नागरिकों का कहना है कि जांच के नाम पर अक्सर पुलिसकर्मी अनुचित दबाव डालते हैं और नियमों की आड़ में दुव्यवहार करते हैं।
कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व मंच और टाटा स्टील कर्मचारी संघ की अपील
टाटा स्टील कर्मचारी संघ और कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) मंच ने इस घटना की निंदा करते हुए जिला प्रशासन से अपील की है कि ट्रैफिक पुलिस के व्यवहार में सुधार लाने के लिए उन्हें संवेदनशीलता और मानवाधिकारों से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाए। मंच के पदाधिकारी ने कहा कि पुलिस व्यवस्था का उद्देश्य जनता की सेवा है, भय पैदा करना नहीं।
ट्रैफिक पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
घटना के बाद जमशेदपुर ट्रैफिक पुलिस की कार्यप्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। पिछले कुछ महीनों में लगातार ट्रैफिक जांच के नाम पर सड़कों पर झड़प और दुव्यवहार की घटनाएं सामने आई हैं। अब देखना यह है कि क्या इस कार्रवाई से पुलिसकर्मियों के रवैये में कोई बदलाव आता है या यह केवल औपचारिक कार्रवाई बनकर रह जाती है।
पुलिस प्रशासन की अपील
पुलिस प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि यदि किसी प्रकार की शिकायत हो तो वे सहायता नंबर पर संपर्क करें या निकटतम थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराएं। साथ ही, सभी पुलिसकर्मियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे जांच के दौरान संयम बरतें और सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करें।
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