
उदित वाणी, आदित्यपुर: जन कल्याण मोर्चा की एक अहम बैठक अध्यक्ष व अधिवक्ता ओमप्रकाश की अध्यक्षता में आदित्यपुर-02 के मार्ग संख्या 32 स्थित कार्यालय में संपन्न हुई. इस बैठक में क्षेत्रीय जन समस्याओं पर गंभीर विचार-विमर्श किया गया. मोर्चा ने निर्णय लिया कि आदित्यपुर रेलवे स्टेशन पर प्रमुख एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की माँग को लेकर 12 जुलाई को धरना प्रदर्शन किया जाएगा.
पहले मिलता था ठहराव, अब क्यों नहीं?
बैठक में अध्यक्ष ने कहा कि जन कल्याण मोर्चा के लंबे संघर्ष के परिणामस्वरूप कोरोना काल से पूर्व कुछ ट्रेनों का ठहराव आदित्यपुर स्टेशन पर शुरू हुआ था. लेकिन अब तक इसे पुनः बहाल नहीं किया गया है.उन्होंने कहा कि रेलवे ने स्टेशन के विकास पर करीब ₹70 करोड़ खर्च किए हैं और थर्ड लाइन का भी निर्माण हो चुका है, फिर भी आदित्यपुर स्टेशन को ‘अमृत भारत योजना’ में शामिल नहीं किया गया. यह गंभीर उपेक्षा का संकेत है.
स्टेशन से पटेल चौक तक चौड़ी सड़क की माँग
मोर्चा ने रेलवे से यह भी माँग की थी कि पटेल (आकाशवाणी) चौक से आदित्यपुर स्टेशन तक सड़क चौड़ी की जाए, लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. इससे यात्रियों को भारी असुविधा होती है.
जल संकट पर भी चिंता: बढ़ती आबादी, सीमित जलापूर्ति
बैठक में आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र की जलापूर्ति योजना की वर्तमान क्षमता को अपर्याप्त बताते हुए इसे बढ़ाने की माँग भी रखी गई. अध्यक्ष ओमप्रकाश ने बताया कि वर्ष 2017 में जब यह योजना बनी थी, तब नगर की आबादी करीब 3 लाख थी. अब यह बढ़कर 5 लाख के करीब पहुंच चुकी है. ऐसे में 30 एमएलडी और 60 एमएलडी क्षमता पर्याप्त नहीं मानी जा सकती.
औद्योगिक क्षेत्र जल योजना से वंचित
चिंता जताई गई कि आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र को अब तक इस योजना से नहीं जोड़ा गया है. इससे न केवल उद्योगों को समस्या है, बल्कि स्थानीय निवासियों पर भी जल संकट गहराने की आशंका है.
जल संकट के बीच जल-आधारित उद्योगों पर रोक की माँग
जन कल्याण मोर्चा ने राज्य सरकार से स्पष्ट माँग की कि सरायकेला-खरसावां जिले में जल पर आधारित किसी नए उद्योग को लाइसेंस ना दिया जाए. मोर्चा ने कहा कि जब स्वयं नागरिकों को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है, तो उद्योगों को जल आपूर्ति देना अनुचित है. “जल, जंगल और जमीन पर पहला अधिकार जनता का है.”
ट्रैफिक सिग्नलों में सुधार की दरकार
बैठक में आदित्यपुर-कांड्रा मुख्य मार्ग पर लगे ट्रैफिक सिग्नलों की खराब स्थिति पर भी चर्चा हुई. मोर्चा ने प्रशासन से शीघ्र मरम्मत और समुचित संचालन की माँग की. इस अवसर पर कार्यकारी अध्यक्ष शारदा देवी, डॉ. अशोक कुमार, अधिवक्ता सुनील कुमार स्वाईं, डॉ. मृत्युंजय सिंह, विष्णुदेव गिरी, रविशंकर पासवान, बाबू तांती, सिकंदर सिंह, मदन सिंह, संजय कुमार राम, लक्ष्मण प्रसाद, मधेश्वर सिंह, वकील सिंह, श्याम ज्ञानी साही, प्रकाश कश्यप, शेखर तिवारी, दीपक कुमार झा और सुरेश प्रसाद सिंह सहित कई सदस्य उपस्थित रहे.
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