उदित वाणी, रांची: झारखंड के गिरिडीह जिले में शुक्रवार को होली समारोह के दौरान हुई हिंसा को लेकर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) पर आरोप लगाते हुए उन्हें इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है. उनका कहना है कि कांग्रेस की नीतियों ने राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठ को बढ़ावा दिया, जिससे जनसांख्यिकी में बदलाव आया और अशांति का माहौल पैदा हुआ. उन्होंने राज्य में एनआरसी और परिसीमन की मांग करते हुए चेतावनी दी कि अगर ये कदम नहीं उठाए गए तो झारखंड बांग्लादेश में मिल सकता है.
कांग्रेस की नीतियों पर निशिकांत दुबे का हमला
निशिकांत दुबे ने कहा कि होलिका दहन पर भी उनके क्षेत्र में ऐसी ही घटनाएं घटित हुई थीं, जिन्हें वे डीसीपी से बातचीत करके शांत करवा सके. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने कहा था कि 81 विधानसभा क्षेत्रों में से 30 में मतदान 150 फीसदी बढ़ गया, जिसका कारण बांग्लादेशी घुसपैठी हैं. उन्होंने कांग्रेस की नीतियों पर हमला करते हुए कहा कि यह सब उनकी वजह से हो रहा है, जिन्होंने बांग्लादेशियों को यहां बसाया है.
गिरिडीह हिंसा पर भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया
गिरिडीह हिंसा को लेकर भाजपा सांसद दीपक प्रकाश ने इसे एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना करार दिया और इस घटना की कड़ी निंदा की. उनका आरोप था कि हेमंत सोरेन सरकार हिंदू समुदाय पर अत्याचार कर रही है और हर बार जब हिंदू त्योहारों पर हमला होता है, तो हेमंत सोरेन के लोग इसके पीछे होते हैं. साथ ही, उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यह सब नहीं रुका तो भाजपा कार्यकर्ता राज्य सरकार के खिलाफ संघर्ष करने में देर नहीं करेंगे.
बाबूलाल मरांडी का सत्तारूढ़ सरकार पर हमला
गिरिडीह हिंसा पर झारखंड बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने इसे तुष्टिकरण की राजनीति और प्रशासन की विफलता का परिणाम बताया. उन्होंने कहा कि हिंदू त्योहारों पर हिंसा अब एक नया ट्रेंड बन गया है, जिसे बढ़ावा दे रही है घुसपैठियों की संरक्षक सरकार. बाबूलाल मरांडी ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार हिंदू विरोधी तत्वों को प्रोत्साहित कर रही है, जिसके कारण शांति और सद्भाव की स्थिति बिगड़ रही है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भूमिका पर सवाल
बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को शांति व्यवस्था बनाए रखने में असफल बताया और कहा कि दो दिन पहले ही उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया था, फिर भी गिरिडीह में अप्रिय घटना घटित हुई. उन्होंने मुख्यमंत्री के शासन पर सवाल उठाया और कहा कि अब प्रशासन पर उनका कोई नियंत्रण नहीं रह गया है.
हिंसा और प्रशासनिक विफलता की गंभीरता
गिरिडीह में हुए इस हिंसक झड़प में कई लोग घायल हुए और कम से कम तीन दुकानों और वाहनों में आग लगा दी गई. यह घटना उस समय हुई जब एक समूह ने होली के जुलूस के दौरान इलाके से गुजरने का विरोध किया, जिसके बाद दोनों पक्षों में पथराव हुआ और झड़प हो गई.
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