उदित वाणी कांड्रा: झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा), रांची के निर्देशानुसार तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामाशंकर सिंह के मार्गदर्शन में जिला स्तरीय मल्टी-स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन कार्यक्रम का आयोजन पुलिस लाइन दुगनी के सभागार में किया गया. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कानूनी जानकारी का प्रसार और विधिक सेवाओं की सुगमता सुनिश्चित करना था.
विधिक सेवा प्राधिकरण की भूमिका
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) सरायकेला के सचिव तौसिफ मेराज ने पुलिसकर्मियों को विभिन्न कानूनी जानकारियों से अवगत कराया. उन्होंने बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन देशभर में इस उद्देश्य से किया गया है कि कानूनी सहायता जरूरतमंदों तक आसानी से पहुंचे. इसके अलावा, सरकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाने में अधिकार मित्रों की भूमिका को भी रेखांकित किया गया.
पॉक्सो कानून और पुलिस की संवेदनशीलता
प्रो बोनो अधिवक्ता शैलेश पोद्दार ने पॉक्सो (POCSO) कानून की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह कानून बालक और बालिका दोनों के लिए समान रूप से लागू होता है और इसमें पुलिस की संवेदनशीलता अत्यंत आवश्यक है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पीड़ितों के मुआवजे और पुनर्वास में चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) की महत्वपूर्ण भूमिका होती है.
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
इस कार्यक्रम में कई प्रमुख अधिकारी एवं विशेषज्ञ उपस्थित रहे, जिनमें शामिल थे:
- मुख्यालय डीएसपी प्रदीप उरांव
- चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) के अध्यक्ष रोहित महतो
- सदर अस्पताल के डॉ. समीर
- अधिवक्ता सरोज महाराणा
कानूनी जागरूकता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल
यह कार्यक्रम विधिक सहायता, कानूनों की जानकारी और समाज में न्याय तक आसान पहुंच को लेकर एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ. ऐसे आयोजन जनता, प्रशासन और कानून व्यवस्था के बीच समन्वय को मजबूत करने में सहायक होंगे.
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