
उदित वाणी, रांची: झारखंड में बढ़ती ठंड ने जहां सामान्य जन जीवन को प्रभावित किया है, वहीं इसका असर कृषि क्षेत्र पर भी पड़ने लगा है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में शीतलहरी और ठंड की तीव्रता बढ़ने से हरी सब्जियों का उत्पादन प्रभावित हो रहा है।
कई दिनों से कोडरमा समेत राज्य भर में ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। इस कारण से प्रशासन ने 13 जनवरी तक स्कूलों को बंद कर दिया है।
हालांकि, ठंड की मार से सबसे ज्यादा परेशान किसान हो रहे हैं, क्योंकि आलू, टमाटर और मटर जैसी सब्जियों में पाला पड़ने की समस्या उत्पन्न हो गई है। इससे न केवल सब्जियों की पैदावार प्रभावित हुई है, बल्कि बाजार में भी सब्जियों की बिक्री पर असर पड़ा है। इसका खामियाजा किसानों को उठाना पड़ रहा है।
कृषि वैज्ञानिक ए के राय ने बताया कि ठंड और कोहरे से फसलों को बचाने के लिए मल्चिंग, आग जलाकर धुआं करने और सल्फर स्प्रे का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है। इसके अलावा हल्की सिंचाई से भी फसलों में नमी बनाए रखी जा सकती है। यदि किसान इन उपायों का पालन करें, तो फसलों को अधिक नुकसान नहीं होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड में सर्दी का सितम बढ़ता ही जा रहा है। शीतलहरी और ठंड हवाओं से न केवल लोग परेशान हो रहे हैं, बल्कि सब्जियों की पैदावार भी प्रभावित हो रही है। इसका असर आने वाले समय में बाजार में भी देखने को मिल सकता है, क्योंकि उत्पादन घटने से कीमतों में भी वृद्धि हो सकती है।
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