- निकाय चुनाव को लेकर सरकार ने राज्यपाल को भेजी थी गलत अनुशंसा
उदितवाणी, जमशेदपुर : पूर्व सांसद व आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने राज्य में निकाय चुनाव टाले जाने को आदिवासी जनता की सजगता व सक्रियता का प्रतिफल बताया है.
एक बयान में उन्होंने कहा है कि नगर निकाय चुनाव संबंधी मामले पर संविधान और आदिवासी हितों के रक्षार्थ झारखंड सरकार से ज्यादा आदिवासी जनता ने सजग और सक्रिय होने का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार की गलत अनुशंसा पर राज्यपाल ने भी अपनी सहमति प्रदान कर दी थी, परंतु आदिवासी धरना, प्रदर्शन, जन दबाव और झारखंड हाईकोर्ट में इस मुद्दे पर दायर दो जनहित याचिका ने झारखंड सरकार को टीएसी की बैठक बुलाकर अपनी गलती को सुधारने का अवसर प्रदान किया है.
उन्होंने कहा कि आखिरकार झारखंड सरकार ने संविधान और आदिवासी हितों की रक्षा के लिए सही फैसला लिया है जो सराहनीय है। परंतु सरकार को संविधान और जन भावना के साथ दो कदम आगे रहना ही जनतंत्र की सफलता है। अब तक झारखंडी जनता आगे और सभी सरकारें और झारखंड में कार्यरत लगभग सभी प्रमुख पार्टियां जन भावना के खिलाफ चलती रही हैं।
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