
चतरा : सीसीएल पिपरवार क्षेत्र में फर्जी वंशावली के आधार पर नौकरी और मुआवजा हासिल करने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अब जांच की कमान संभाल ली है. इससे पहले यह मामला सीआईडी के पास था, जिसे अब सीबीआई द्वारा ईडी को ट्रांसफर कर दिया गया है.
टंडवा थाने में दर्ज हुआ था केस
यह मामला 29 मार्च को चतरा के भू-अर्जन पदाधिकारी वैभव कुमार सिंह द्वारा टंडवा थाना में दर्ज कराया गया था. आरोप है कि 22 लोगों ने फर्जी दस्तावेज़ और झूठी वंशावली के ज़रिए सीसीएल में नौकरी और मुआवजा हासिल किया.
छह सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट ने खोली पोल
मामला सामने आने के बाद, सिमरिया के अनुमंडल पदाधिकारी की अध्यक्षता में एक छह सदस्यीय जांच समिति गठित की गई. इस समिति ने राजस्व शाखा चतरा को जो रिपोर्ट सौंपी, उसमें कई अहम खुलासे हुए.
फर्जी दस्तावेज़, नक्शे में छेड़छाड़ और फर्जी मालिकाना हक
जांच रिपोर्ट के अनुसार:
नौकरी और मुआवजा लेने के लिए फर्जी वंशावली प्रमाण पत्र तैयार किए गए.
भूमि सत्यापन प्रक्रिया में नक्शे से छेड़छाड़ की गई.
फर्जी मालिकाना हक और सत्यापन रिपोर्ट के जरिए लाभ लिया गया.
इन सबके आधार पर कई लोगों ने सीसीएल में सरकारी नौकरी और मुआवजा पैकेज हासिल कर लिया.
अब ईडी की जांच से खुलेंगे परत-दर-परत राज?
मामले की संवेदनशीलता और वित्तीय लेन-देन की संभावनाओं को देखते हुए अब प्रवर्तन निदेशालय इसकी गहराई से जांच करेगा. यह जांच पैसे के स्रोत, दस्तावेज़ों की वैधता और लाभार्थियों की भूमिका पर केंद्रित रहेगी.
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