टाटा स्टील की वार्षिक इनोवेशन चैलेंज ‘माइंड ओवर मैटर’ रिकॉर्ड भागीदारी के साथ संपन्न
उदित वाणी, जमशेदपुर: टाटा स्टील ने अपनी वार्षिक इनोवेशन चैलेंज ‘माइंड ओवर मैटर’ के 10वें संस्करण का सफल समापन किया. यह अनूठी पहल देश के शीर्ष संस्थानों के प्रतिभाशाली इंजीनियरिंग छात्रों को स्टील मेकिंग और न्यू मटेरियल से जुड़े वास्तविक समस्याओं के समाधान खोजने की चुनौती देती है.7 मार्च 2025 को आयोजित रोमांचक वर्चुअल फाइनल में आईआईटी (आईएसएम) धनबाद की नमिता दुबे ने विजेता का खिताब हासिल किया, जबकि आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी के रवु रवि तेजा प्रथम उपविजेता और कुरपाटी हर्षवर्धन द्वितीय उपविजेता बने. विजेता और उपविजेताओं को क्रमशः एक लाख, 75 हजार और 50 हजार की नकद राशि पुरस्कार के रूप में मिली. इसके अलावा सभी को टाटा स्टील के रिसर्च एंड डेवलपमेंट विभाग में मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में प्री-प्लेसमेंट ऑफर भी मिले. अन्य फाइनलिस्टों को भी प्री-प्लेसमेंट इंटरव्यू का अवसर दिया गया. साथ ही टाटा स्टील विजेता टीमों को आमंत्रित करेगी, जहां वे कंपनी के आरएंडडी विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में अपने विचारों के प्रोटोटाइप विकसित करेंगे.
विजेताओं को बधाई देते हुए टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट (टेक्नोलॉजी, आरएंडडी, एनएमबी और ग्रैफीन) सुबोध पांडेय ने कहा, “माइंड ओवर मैटर के 10वें संस्करण ने देशभर के युवा इंजीनियरों की अद्भुत प्रतिभा और नवाचार की भावना को दर्शाया है. फाइनलिस्टों द्वारा प्रस्तुत समाधान न केवल उनकी तकनीकी दक्षता को दर्शाते हैं, बल्कि उनकी विश्लेषणात्मक सोच और वास्तविक चुनौतियों से निपटने की क्षमता को भी उजागर करते हैं. टाटा स्टील में हम ऐसी प्रतिभाओं को संवारने और उनके विचारों को हकीकत में बदलने का मंच प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हमें विश्वास है कि ये प्रतिभाशाली युवा स्टील और न्यू मटेरियल टेक्नोलॉजी के भविष्य में महत्वपूर्ण योगदान देंगे.”
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