उदित वाणी, रांची: नामकुम स्थित समृद्धि पार्क में अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन की प्रवर समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी की संयुक्त बैठक आयोजित की गई. इसकी अध्यक्षता आचार्य डॉ. हरेराम त्रिपाठी ‘चेतन’ ने की और संचालन महामंत्री प्रो. डॉ. जयकांत सिंह ‘जय’ ने किया. बैठक में बिहार और झारखंड की ओर से सम्मेलन के अगले अधिवेशन के लिए दो मौखिक आमंत्रण प्राप्त हुए, जिन पर 15 फरवरी के बाद निर्णय लिया जाएगा.
पुस्तकों और पत्रिकाओं का लोकार्पण
बैठक के दौरान आचार्य चेतन की पुस्तक ‘कस्तूरी गंध’, कनक किशोर की पत्रिका ‘जोहार भोजपुरी माटी: किसान अंक’ और भोजपुरी सम्मेलन पत्रिका के दो नए अंकों का लोकार्पण किया गया.
सदस्यता अभियान और विशेषांक की योजना
इस अवसर पर छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार के कई भोजपुरी प्रेमी सम्मेलन के विशिष्ट आजीवन सदस्य, आजीवन सदस्य और वार्षिक सदस्य बने. साथ ही, पत्रिका के लिए आजीवन और वार्षिक सदस्यता भी ग्रहण की गई.
सम्मेलन पत्रिका के रामेश्वर सिंह काश्यप और डॉ. जितराम पाठक विशेषांक के अलावा, अब तक पत्रिका में प्रकाशित आलोचनात्मक और शोधपरक आलेखों का एक संकलन अंक निकालने पर चर्चा हुई.
भोजपुरी शिक्षा और संरचनाओं पर विचार
बैठक में भोजपुरी शिक्षा, भोजपुरी अकादमी की वर्तमान व्यवस्था और पटना में भोजपुरी भवन से संबंधित कई प्रस्ताव पारित किए गए.
महत्वपूर्ण उद्बोधन और प्रस्ताव
कार्यक्रम में मंगलाचरण डॉ. वीणा पांडेय ‘भारती’ द्वारा प्रस्तुत किया गया. स्वागत भाषण कनक किशोर ने दिया, और धन्यवाद ज्ञापन अंकुश्री ने किया.
विभिन्न सदस्यों के विचार और संबोधन से बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित हुए.
उपस्थित प्रमुख वक्ता:
• डॉ. महामाया प्रसाद विनोद (कार्यकारी अध्यक्ष)
• डॉ. प्रसेनजित तिवारी (सदस्य, प्रवर समिति)
• डॉ. अजय ओझा (उपाध्यक्ष)
• जितेंद्र कुमार (कोषाध्यक्ष)
• दिलीप कुमार (कार्यालय मंत्री)
• उदय नारायण सिंह (कला एवं संस्कृति)
• शिवानुग्रह नारायण सिंह (मीडिया)
• माधवी उपाध्याय, अरविंद श्रीवास्तव, विनोद कुमार सिन्हा आदि.
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