उदित वाणी पटमदा: झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण में जुगसलाई सीट पर भी मतदान हो चुका है. कांटे का मुकाबला बताया जा रहा है. पटमदा, बोड़ाम और जिला परिषद क्षेत्र -04 समेत 35 पंचायतों की अगर बात करें तो 13 नवंबर को संपन्न हुए मतदान में मुकाबला त्रिकोणीय रहा, जिसमें झामुमो, आजसू तथा जेएलकेएम शामिल हैं. वहीं, जुगसलाई नगरपालिका क्षेत्र समेत शेष इलाकों में आजसू और झामुमो के बीच ही मुख्य मुकाबला बताया जा रहा है. वैसे तो तीनों प्रमुख पार्टियों के समर्थक अपने-अपने प्रत्याशियों की जीत के दावे कर रहे हैं, लेकिन इसमें कितना दम या कितनी सच्चाई है, उसका तो 23 नवंबर को मतगणना के बाद ही खुलासा हो पाएगा.
इसके लिए सिर्फ प्रत्याशी और उनके समर्थक ही नहीं, बल्कि राजनीति में रुचि रखने वाली क्षेत्र की जनता और अधिकारी भी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. भले ही अभी बड़ा दिन यानी 25 दिसंबर को एक माह से अधिक समय बचा है, लेकिन चुनाव परिणाम जानने को आतुर लोगों के लिए इस बार बड़ा दिन शुरू हो चुका है. पहले चरण मतदान के बाद तीनों पार्टियों के समर्थकों के तर्क और उनकी राय हम प्रस्तुत कर रहे हैं-
आजसू देख रहा झामुमो को नुकसान:
आजसू पार्टी के समर्थकों का कहना है कि बोड़ाम व पटमदा में झामुमो (इंडिया गठबंधन) के प्रत्याशी मंगल कालिंदी तीसरे नंबर पर रहेंगे, क्योंकि झामुमो के बागी व निर्दलीय प्रत्याशी बिप्लव भुइयां और जुगल किशोर मुखी ने झामुमो के परंपरागत वोट बैंक में काफी सेंधमारी की है… यानी उसपर खूब ‘कैंची’ चली है. अपने परंपरागत वोटरों को एकजुट रखने में विफल रहने के कारण झामुमो को नुकसान पहुंचा है.
झामुमो की नजर में आजसू तीसरे नंबर पर
झामुमो समर्थकों का तर्क है कि जेएलकेएम प्रत्याशी विनोद स्वांसी का चुनाव चिह्न ही कैंची है और आजसू (एनडीए गठबंधन) प्रत्याशी रामचंद्र सहिस के परंपरागत वोट बैंक में तेज धार वाली कैंची चलने व भाजपा के बागी व निर्दलीय प्रत्याशी विमल बैठा द्वारा भाजपा के कैडर वोटों में सेंधमारी करने से 35 पंचायतों में आजसू काफी कमजोर हुई है और वह तीसरे नंबर पर होगी.
JLKM को नजर आ रही अपनी जीत
झारखण्ड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) के समर्थकों का तर्क है कि बोड़ाम में आयोजित पार्टी सुप्रीमो जयराम महतो की जनसभा के बाद माहौल तेजी से उनके पक्ष में हुआ और उनके प्रत्याशी विनोद स्वांसी के समर्थन में आंधी चली समर्थकों का दावा है कि पूरे विधानसभा क्षेत्र के 80 हजार कुड़मी वोटर, 15 हजार पान, तांती, स्वांसी समाज के वोटरों के अलावा अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक व शिक्षित बेरोजगार युवा वर्ग के वोटरों का ‘थोक’ समर्थन मिलने से उनकी जीत पक्की है. जेएलकेएम समर्थक कहते हैं कि उनकी कैंची (चुनाव चिह्न) की धार इतनी तेज थी कि एनडीए और इंडिया दोनों ही गठबंधन के प्रत्याशियों को नुकसान हुआ है. कुल मिलाकर देखा जाए तो सभी प्रमुख दलों के समर्थकों को कैंची पर ही भरोसा और विश्वास है कि चुनाव परिणाम उनके पक्ष में ही आएगा. झामुमो आशवान है कि मंगल कालिंदी लगातार दूसरी बार विधायक बन अपनी सेवा को जारी रखेंगे. सहिस के समर्थकों को चुनाव नतीजों में परिवर्तन का आगाज होता दिख रहा तो जेएलकेएम को उम्मीद दिख रही कि इस बार के चुनाव में इस सीट पर उसका खाता खुल जाएगा. वास्तव में क्या होगा, 23 को तो पता चल ही जाएगा.
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