अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी
उदित वाणी जमशेदपुर : इंकैब मामले को लेकर सोमवार 27 जून को एनसीएलटी कोलकाता में हरिश्चंद्र सुरी और रोहित कपूर के बेंच में सुनवाई हुई. आरपी पंकज टिबरेवाल के अधिवक्ता ने सुनवाई के दौरान यह कहा कि वेदांता द्वारा दी गयी रेजोल्यूशन प्लान का कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स ने अनुमोदित किया है. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि उनके अधिवक्ता ने नहीं की. आरपी के वकील ने बेंच को बताया कि उसने रिजोल्यूशन प्लान बेंच में प्रस्तुत किया जाएगा, जिसे 97 फीसदी कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स का समर्थन प्राप्त है और इससे कंपनी का पुनरूद्धार हो जायेगा. मजदूरों की ओर से अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव और आकाश शर्मा ने कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स की स्थापना को ही गैर कानूनी बताया. उन्होंने कहा कि नये आरपी पंकज टिबरेवाल ने भी वहीं फर्जीवाड़ा किया है जो शशि अग्रवाल ने किया था. इसके अलावा आईआरपी ने जमशेदपुर और पुणे की जमीन की मालिकाना और अद्यतन स्थिति के साथ भी फर्जीवाड़ा किया है और रमेश घमंडीराम गोवानी द्वारा इंकैब कंपनी के लूटे गये लगभग 300 करोड़ का कोई भी हिसाब नहीं दिया. उन्हीं कंपनियों की कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स बनायी है जिसके चलते एनसीएलएटी ने 07.02.2020 के लिक्विडेशन आदेश को निरस्त करते हुए शशि अग्रवाल को हटाया और आईबीबीआई से शशि अग्रवाल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उनके आरपी बनने की अर्हता को सदा के लिए समाप्त कर दिया. पंकज टिबरेवाल भी रमेश घमंडी राम के साथ मिलकर फिर से लगभग 4000 करोड़ की फर्जी लेनदारी स्वीकार कर फर्जी लेनदारों की कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स बनायी है ताकि कंपनी को लिक्विडेट करा कर कमला मिल्स, पेगागस, ट्रापिकल वेंचर्स आदि फर्जी लेनदारों द्वारा कंपनी की 3,000 करोड़ की परिसंपत्तियों की लूट का मार्ग प्रशस्त किया जा सके. सभी पक्ष के अधिवक्ताओं का कहना था कि जब सीओसी का गठन ही गैर कानूनी ढंग से किया गया है तो सीओसी रिजोल्यूशन प्लान कैसे पास कर सकती है. सभी अधिवक्ताओं को सुनने के पश्चात बेंच ने वेदांता द्वारा दिए रिजोल्यूशन प्लान को संज्ञान में लेने को कहा. अन्य आवेदनों पर अगली सुनवाई के लिए 22.07.2022 की तारीख मुकर्रर की.कर्मचारियों की तरफ से अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव और आकाश शर्मा ने हिस्सा लिया.
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