चाणक्य चौधरी ने कहा कि आज के बच्चों की सोच साफ है कि उन्हें कहां जाना है
गुलमोहर प्राइमरी स्कूल में करिअर एक्स्पो के उदघाटन समारोह में बोले
उदित वाणी, जमशेदपुर: टाटा स्टील के वीपी (कारपोरेट सर्विसेस) चाणक्य चौधरी ने कहा कि उनकी बेटी का पीसीएम (फिकिक्स, केमिस्ट्री और मैथ) विषयों में अच्छा अंक आता था, लेकिन उसने साफ कह दिया कि उसे आगे की पढ़ाई बायोलॉजी में करनी है.
वह इंजीनियर नहीं बनना चाहती. आज के बच्चे अपनी पसंद और करिअर को लेकर बहुत क्लियर है, जो उनके समय में नहीं था. चौधरी शुक्रवार को गुलमोहर प्राइमरी स्कूल परिसर में शुरू हुए करिअर एक्सपो के उदघाटन समारोह में बोल रहे थे. चौधरी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि उनके समय में पैरेन्ट्स कोई डिस्कशन नहीं करते थे. सीधे कहते थे-यह फॉर्म भरो और हमें उसे करना होता था. मैं भी ऐसे ही इंजीनियर बना.
लेकिन आज की पीढ़ी दूसरी है. वह करिअर को लेकर काफी जागरूक है और अपनी पसंद और एप्टीट्यूट के हिसाब से अपना करिअर बनाना चाहती है. हमारे समय में न तो करिअर के इतने विकल्प थे और न ही विद्यार्थियों में ऐसा क्लेरिटी ऑफ थॉट था.
वोकेशनल शिक्षा पर जोर देना होगा
चाणक्य चौधरी ने कहा कि अभी भी हमारी शिक्षा प्रणाली परम्परागत है, जबकि विकसित देशों में वोकेशनल शिक्षा को ज्यादा महत्व दिया जाता है. उम्मीद है कि नई शिक्षा प्रणाली (एनईपी) वोकेशनल और ट्रेडिशनल के गैप को भरने में मददगार साबित होगी.
टाटा स्टील फाउंडेशन भी कोशिश कर रहा है कि अपने ऑपरेशनल एरिया में सरकार के साथ मिलकर ऐसे स्किल आधारित आईटीआई को प्रोत्साहित किया जाय, जो रोजगारपरक शिक्षा प्रदान करें. टाटा एजुकेशन एक्सीलेंस प्रोग्राम (टीप), सीआईआई के साथ मिलकर काम कर रहा है, जिसके तहत हम करिअर सेशन का आयोजन कर रहे हैं.
बहेतर पहल
चौधरी ने करिअर एक्सपो को बेहतर पहल बताया और उम्मीद जतायी कि जमशेदपुर के विद्यार्थियों के भविष्य को नई उड़ान देने के साथ ही करिअर के विभिन्न विकल्प को बताने में यह सहायक साबित होगा.
उन्होंने कहा कि जमशेदपुर में पढ़ाई के साथ ही विभिन्न सुविधाएं काफी अच्छी है. इन सुविधाओं को बड़े शहरों में पाना बेहद मुश्किल है. जमशेदपुर के युवाओं ने इन सुविधाओं की बदौलत देश-दुनिया में नाम रौशन किया है.
हमारे जमाने में करिअर का मतलब सिविल इंजीनियरिंग या गवर्नमेंट जॉब था-कुलकर्णी
टाटा मोटर्स के प्लांट हेड रवीन्द्र कुलकर्णी ने कहा कि बच्चों के परफॉर्मेंस को देख उन्हें अपने स्कूल डेज याद आ गये. कुलकर्णी ने कहा कि करिअर को लेकर पूरा नजरिया बदल गया है. हमारे जमाने में करिअर का मतलब सिविल इंजीनियरिंग या गवर्मेंट जॉब हुआ करता था. लेकिन आज की पीढ़ी की पसंद जुदा है.
उन्होंने कहा कि सिविल इंजीनियरिंग के बाद, मेकेनिकल, फिर इलेक्ट्रोनिक्स एंड कम्युनिकेशन और अब कम्प्यूटर साइंस का बोलबाला है. मेरा बेटा एमआईटी पुणे से इंजीनियरिंग कर अब नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ डिजाइनिंग (एनआईडी) से आगे की पढ़ाई करना चाहता है.
उन्होंने कहा कि आज पैरेन्ट्स को अपने बच्चों के पैशन और इन्टेरेस्ट को ध्यान में रखते हुए उसे आगे बढ़ाना चाहिए. इसके पहले स्वागत भाषण स्कूल की प्रिंसिपल प्रीति सिन्हा ने दिया. उन्होंने कहा कि इस एक्सपो को करने के पीछे मकसद यह है कि जमशेदपुर के विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग और मेडिसिन के आगे की दुनिया का भी पता चलें.
इस करिअर के बारे में दी जा रही जानकारी
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