
उदित वाणी, जमशेदपुर: समाहरणालय सभागार, जमशेदपुर में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में आईटीडीए, कल्याण विभाग और जेटीडीएस द्वारा संचालित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में परियोजना निदेशक दीपांकर चौधरी, जिला कल्याण पदाधिकारी शंकराचार्य समद, जिला शिक्षा अधीक्षक आशीष पांडेय, कार्यपालक अभियंता एनआरईपी राजेश रजक समेत कई विभागीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।
पारदर्शिता और समयबद्धता पर विशेष बल
उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिया कि सभी योजनाओं का लाभ अंतिम पंक्ति तक के लाभुकों को पारदर्शी, गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध रूप से पहुंचाया जाए। जनजातीय और वंचित समुदायों को मुख्यधारा से जोड़ने हेतु योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर ज़ोर दिया गया।
छात्रवृत्ति योजनाएं: कहां रुका है पैसा?
प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत 2024-25 में स्वीकृत 1,47,348 आवेदनों में से 1,40,909 छात्रों को भुगतान हो चुका है। शेष 6,439 बच्चों को त्वरित भुगतान के निर्देश दिए गए। पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति में स्वीकृत 23,662 में से 12,665 का सत्यापन पूर्ण हुआ है और 3,972 को राशि मिली है। शेष आवेदनों पर प्राथमिकता से कार्य करने को कहा गया।
साइकिल और पशुधन वितरण की स्थिति
85% से अधिक बच्चों को साइकिलें वितरित की जा चुकी हैं। शेष वितरण जल्द पूरा करने का निर्देश। मुख्यमंत्री पशुधन योजना के अंतर्गत स्वीकृत 463 में से 311 लाभुकों को बकरा, सुकर, कुक्कट आदि मिले। शेष को शीघ्र लाभान्वित किया जाएगा।
रोजगार योजनाओं में प्रगति
मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना में 2023-24 के 723 स्वीकृत आवेदनों में से 320 को पहली किश्त और 174 को दूसरी किश्त दी गई। 2024-25 के 830 नए आवेदनों पर राशि आवंटित होते ही भुगतान के निर्देश।
स्वास्थ्य और आवास योजनाएं
334 स्वास्थ्य सहायता आवेदनों का सत्यापन जारी है, जिसमें पटमदा प्रखंड के सर्वाधिक 73 लाभुक हैं। बिरसा आवास योजना के तहत 2021-24 तक के 243 स्वीकृत आवासों में से 193 पूर्ण, शेष 50 के लिए त्वरित समन्वय और निर्माण पर ज़ोर।
स्वरोजगार और सामुदायिक योजनाएं
जेटीडीएस डीपीएम को निर्देशित किया गया कि युवाओं और महिलाओं को कैम्प मोड में स्वरोजगार से जोड़ा जाए। अब तक बकरा, सुकर, भेड़, ग्रोसरी दुकान और बीज वितरण योजनाओं से 1,034 परिवारों को लाभ मिला है। सामुदायिक भवन जैसे मांझी, मानकी मुंडा भवन, जाहेरस्थान निर्माण, कब्रिस्तान घेराबंदी और आदिवासी सांस्कृतिक केंद्र की प्रगति की भी समीक्षा की गई। गुणवत्ता और समयबद्धता के साथ निर्माण कार्यों के निष्पादन के लिए अभियंताओं को निर्देश दिए गए।
समावेशी विकास ही प्राथमिकता
उपायुक्त ने स्पष्ट कहा कि विभागीय समन्वय, नियमित प्रगति रिपोर्ट, और लंबित कार्यों के त्वरित निष्पादन से ही समावेशी विकास संभव है। योजनाओं से हर पात्र लाभुक को जोड़ना और स्वरोजगार के अवसर बढ़ाना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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