
रांची: राज्य सरकार ने निलंबित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे और उनके करीबी सहयोगियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (DA Case) के मामले में प्रारंभिक जांच शुरू करने का निर्देश दिया है. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) को इसकी प्रिलिमिनरी इन्क्वायरी (PE) दर्ज करने का आदेश मिल चुका है.
शराब घोटाले में पहले ही हो चुकी है गिरफ्तारी
उल्लेखनीय है कि एसीबी की टीम ने 20 मई को शराब घोटाले से जुड़े मामले में तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे को गिरफ्तार किया था. इस गिरफ्तारी के तुरंत बाद राज्य सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था. इस घोटाले में कई और नामचीन अधिकारियों और सप्लायर्स की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं.
अब आय के स्रोतों पर निगाह
प्राप्त जानकारी के अनुसार, चौबे और उनके परिजनों की संपत्ति और बैंक खातों का गहन परीक्षण किया जाएगा. जांच का मुख्य फोकस यह रहेगा कि उन्होंने अपनी सेवा अवधि में जो संपत्ति अर्जित की है, वह उनकी वैध आय से कितनी अधिक है. यदि इसमें भारी अंतर सामने आता है, तो मामला आपराधिक धाराओं के तहत आगे बढ़ेगा.
एसीबी को सौंपी गई नई जिम्मेदारी
राज्य सरकार द्वारा एसीबी को सौंपी गई यह जांच न केवल चौबे, बल्कि उनके सहयोगियों और संपर्क सूत्रों तक भी सीमित नहीं रहेगी. शुरुआती रिपोर्ट के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई तय की जाएगी.
अब आगे क्या?
यह मामला झारखंड प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर एक और बड़ी परीक्षा साबित हो सकता है. सरकार की इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के विरुद्ध कठोर संदेश के रूप में देखा जा रहा है. अब देखना होगा कि प्रारंभिक जांच से कौन-कौन चेहरे सामने आते हैं और किस हद तक मामला आगे बढ़ता है.
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