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उदित वाणी, जमशेदपुर: सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रविवार को उनकी घाटशिला यात्रा के दौरान मुलाकात की और उन्हें जमशेदपुर के विकास हेतु चार सूत्री मांग पत्र सौपा।
जानिए उनके द्वारा सौंपे गए मांग पत्र में किन-किन मांगों का जिक्र है।
मूनका ने प्रधानमंत्री मोदी का ध्यान जमशेदपुर में एयरपोर्ट की स्थापना, जमशेदपुर में उच्च शिक्षा की उपलब्धता, जमशेदपुर में उच्च चिकित्सा सुविधा की उपलब्धता, जमशेदपुर में बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठानों का निवेश और भारत सरकार के अधीन कार्यरत बड़े कारखानों की स्थापना पर ध्यान आकर्षित कराया।
जमशेदपुर में एयरपोर्ट की स्थापना
प्रधानमंत्री को सौंपे गए मांग पत्र में कहा गया है कि जमशेदपुर को स्थापित हुये 100 वर्ष से अधिक हो चुके हैं। इसे देश के प्रतिष्ठित शहर स्टील सिटी के नाम से भी जाना जाता है और झारखण्ड राज्य की आर्थिक राजधानी के साथ औद्योगिक नगरी भी कहलाती है। लेकिन फिर भी आज तक इसका समग्र विकास नहीं हो पाया है। इसके लिये अत्यंत आवश्यक है जमशेदपुर में एयरपोर्ट की स्थापना।
यहां लगभग तेरह सौ से अधिक बड़े, मध्यम एवं लघु उद्योग स्थापित है लेकिन अबतक हवाई अड्डे का निर्माण नहीं हो पाया है। जिसके कारण यहाँ आने जाने वाले आम जनता को हवाई यात्रा करने हेतु दूसरे शहर रांची या कोलकाता जाकर हवाई जहाज पकड़ना पड़ता है जो कि उनके लिये काफी परेशानी का कारण होता है और समय की भी बर्बादी होने वाली स्थिति होती है। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट की अनुपलब्धता के कारण जमशेदपुर का विकास लगभग ठहर सा गया है। एयरपोर्ट के नहीं होने के कारण यहां नये निवेशक नहीं आने के कारण जमशेदपुर में नये व्यवसाय और उद्योगों की स्थापना नहीं हो पा रही है।
जमशेदपुर में उच्च शिक्षा की उपलब्धता
जमशेदपुर में छात्र-छात्राओं को उच्च स्तर की शिक्षा सुविधा की उपलब्धता हेतु बड़े शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना अभी तक नहंी हो पाई है। जमशेदपुर की पहचान एक मिनी मेट्रो शहर के रूप में होती है। लेकिन यहां के लोगों के छात्र-छात्राओं के लिये उच्च शिक्षा सुविधा, स्नातक के बाद गुणवत्तापूर्ण पीजी की पढ़ाई, यहां तक कि राष्ट्रीय स्तरीय स्नातक की पढ़ाई हेतु जमशेदपुर से देश के दूसरे शहरों में जाना पड़ता है। यहां उच्च शैक्षणिक संस्थाओं के अभाव में छात्र-छात्रायें पलायन कर जाते हैं और इनमें अधिकांश छात्र लौटकर वापस जमशेदपुर नहीं आते और अच्छी नौकरी की चाह में देश के बड़े शहरोें में ही बस जाते हैं और इससे यहां के अनुभवी वर्कफोर्स का पलायन हो जाता है। जमशेदपुर का समुचित विकास नहीं हो पाने का एक बड़ा कारण यह भी है। जमशेदपुर या इसके आसपास बड़े कॉलेजों की कमी से उच्च शिक्षा में होने वालो लाखों का खर्च और राज्य का पैसा और राजस्व दूसरें राज्यों के विकास में मजबूत भूमिका निभा रहा है और जमशेदपुर को इससे कुछ भी हासिल नहीं हो रहा है।
उच्च चिकित्सा सुविधा की उपलब्धता
वर्तमान परिपेक्ष्य में जिस तरह से लोग बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं उस परिपेक्ष्य में जमशेदपुर या इसके आसपास उच्च चिकित्सा सुविधा हेतु अच्छे और मल्टी सुपरस्पेशिलिटी अस्पतालों की नितांत आवश्यकता महससू की जा रही है। इसके अनुपलब्धता के कारण यहां के लोगों को उच्च चिकित्सा सुविधा के लिये देश के दूसरे शहरों पर निर्भर रहना पड़ता है। विभिन्न तरह की जटिल बीमारियों के ईलाज हेतु सुपर एवं मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल की उपलब्धता नहीं होने के कारण यहां के लोगों को जमशेदपुर के बाहर दूसरे राज्यों मसलन बंगलोर, हैदराबाद, मुंबई, दिल्ली, कोलकाता जैसे बड़े शहरों मेें जाना पड़ता है। जिससे लोगों को आवागमन मंे खर्च भी बढ़ जाता है और राज्य का राजस्व भी बाहर जाता है।
बड़े कारखानों की स्थापना
किसी भी शहर या राज्य के विकास में सबसे महत्वपूर्ण वहां बड़े उद्योगों की स्थापना अति आवश्यक है। यहां पर लघु, मध्यम औद्योगिक ईकाईयों की संख्या हजारों में है जिनमें अधिकांशतः यहां पर स्थित मुख्य दो ही कंपनियों पर निर्भर है। जिस कारण यहां औद्योगिक विकास नहीं हो पा रहा है।
सिंहभूम चेंबर अध्यक्ष ने कहा कि हमारा मानना है कि इसके अलावा यहां अन्य बड़े उद्योगों की स्थापना, चारपहिया, दोपहिया, तीनपहिया वाहनों के प्रतिष्ठानों एवं सरकारी उपक्रमों जैसे रेलवे के कलपुर्जों के निर्माण से संबंधित उद्योगों की स्थापना से यहां औद्योगिक विकास तेजी से आगे बढ़ेगा इसके लिये यहां का माहौल भी अनुकूल है। उक्त उद्योगों की स्थापना से केन्द्र एवं राज्य सरकारों के राजस्व में भी वृद्वि होगी जो देश को विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था और विकसित भारत के सपनों को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करेगी।
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