उदित वाणी जमशेदपुर : कदमा थाना अंतर्गत डाॅली साहू दहेज हत्याकांड में अभियुक्त पति सोनू सिंह को जमशेदपुर कोर्ट ने सात साल के कारावास और दस हजार जुर्माने की सजा सुनाई है. अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंजू कुमारी ने धारा 304बी के तहत दहेज हत्याकांड का दोषी पाते हुए सात साल के कारावास और 498ए के तहत दहेज प्रताड़ना का दोषी पाते हुए तीन साल के कारावास और दस हजार जुर्माने की सजा सुनाई है.मृतका डाॅली साहू का फांसी लटका शव 24 सितंबर 2020 को कदमा थाना क्षेत्र के अनिल सुर पथ स्थित ससुराल में पाया गया था. शव पर काफी चोट के निशान थे फिर भी पुलिस दहेज हत्या का केस नहीं करके अस्वाभाविक मौत का मामला दर्ज किया गया था। छत्तीसगढ के रहनेवाले मृतका के पिता अनिल साहू ने अपनी बेटी की दहेज के लिए हत्या का आरोप लगाया था.उन्होंने कहा था कि 2019में बेटी की शादी के बाद से ही उसे पति और ससुराल वाले दहेज के लिए मानसिक और शारीरिक रुप से प्रताड़ित करते थे. उनलोगों ने दो लाख रुपये की मांग की थी. अनिल साहू ने बताया कि उनका दामाद शराब पीकर अक्सर बेटी के साथ मारपीट करता था. साहू ने बताया कि उसके भाई ने दामाद को खर्चे के लिए पैसे भी दिए थे और ससुराल वालों को डाॅली के पिता के खराब आर्थिक हालात की जानकारी भी दी थी फिर भी वे लोग डिमांड करते रहे और बेटी के साथ प्रताड़ना जारी रही.आरोपी पति सोनू सिंह घटना के बाद से फरार था लेकिन कदमा पुलिस गिरफ्तार नहीं कर रही थी.पुलिस की उदासीनता को देखते हुए अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने जमशेदपुर न्यायालय में शिकायतवाद दायर किया जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर कदमा थाने में दहेज प्रताड़ना और दहेज हत्या का मामला दर्ज हुआ.आगे चलकर आरोपी पति ऑटो चालक सोनू सिंह की गिरफ्तारी हुई..इस मामले में ससुरालवालों के खिलाफ अनुसंधान जारी है.तीन साल से ज्यादा समय तक चले इस केस में गवाहों के बयान, घटनास्थल पर मिले साक्ष्यों और अन्य साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने पति सोनू सिंह को पिछले दिनों दोषी पाया और आज यह फैसला सुनाया.सूचक सह मृतका के पिता अनिल साहू की तरफ से अपर लोक अभियोजक राकेश कुमार, अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू और सहयोगी अधिवक्ता बबिता जैन ने न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखा.छत्तीसगढ के रहनेवाले मृतका के पिता अनिल साहू और परिजनों ने न्यायालय के प्रति आभार जताया है.इस मामले में मीडिया के रोल के प्रति भी उन्होंने कृतज्ञता जाहिर की जिस वजह से मामला हाईलाइट हुआ और न्याय मिलने में मदद मिली.
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