उदित वाणी जमशेदपुर : नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का शनिवार को समापन हो गया। शुक्रवार को शुरू हुए इस सम्मेलन का शीर्षक था सतत विकास के लिए बहुविषयक अनुसंधान और नवाचार। सम्मेलन के दूसरे दिन मुख्य अतिथि के रूप में जमशेदपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी निशांत कुमार उपस्थित थे।
उनके साथ गहन ज्ञान और शोध में गहरा अनुभव रखने वाले डॉ बिमलेन्दु कुमार रॉय विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मेलन में शामिल हुए।
सम्मेलन के दूसरे दिन कुल 140 शोधार्थियों ने अपने-अपने शोध पत्र को प्रस्तुत किया। शोध पत्र अलग-अलग संकाय जैसे आर्ट्स, लॉ, कॉमर्स और मैनेजमेंट, साइंस और एजुकेशन से संबंधित थे।
इस सम्मेलन में शोधार्थियों को सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र पुरस्कार से नवाज़ा गया। इसमें कानून विभाग से अमित कुमार झा, वाणिज्यकर विभाग से रोचक कुमार, प्रबंधन विभाग से अंकिता मंडल, अंग्रेजी विभाग से सुमन कुमारी, हिंदी विभाग से सकरो मुर्मू, राजनीति विज्ञान विभाग से बसंती कुमारी, इतिहास विभाग से पारोमिता भद्र, आईटी विभाग से एकता झा, भौतिकी विभाग से आशमा फरहीन, शिक्षा विभाग से रानी सिंह, गणित विभाग से नीतू पारीख और प्राणीशास्त्र विभाग से मौसमी घटक को पुरस्कार दिया गया। इस दौरान शोधार्थी सकरो मुर्मू और अचल पोद्दार ने सम्मेलन पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
विकास से पर्यावरण को न पहुंचे नुकसान : निशांत
इससे पहले सम्मेलन की शुरुआत डॉ. किशोर ओझा द्वारा की गई। उन्होंने सरकार द्वारा किए जा रहे सतत विकास के कार्यो की जानकारी दी। बताया कि बिना सरकार की मदद के सतत विकास मुश्किल है।
मुख्य अतिथि निशांत कुमार ने सम्मेलन में कहा कि विकास का ऐसा मॉडल तैयार करने की जरूरत है, जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान न पहुंचे। इसके बाद विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार नागेंद्र कुमार ने सभी उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया और उन्हें धन्यवाद दिया। विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ. आचार्य ऋषि रंजन ने बताया कि कैसे शोध नए प्रगतिशील विचारों को सामने ला रहा।
सम्मेलन के मुख्य अतिथि डॉ बिमलेन्दु कुमार रॉय ने ग्लोबल वार्मिंग को बड़ा खतरा बताया। उससे निपटने के तरीकों की जानकारी साझा की। सम्मेलन में डीन अनुसंधान डॉ. प्रमोद कुमार सिंह, अंग्रेजी विभाग के प्रमुख डॉ. शकीबुर रहमान खान ने भी विचार रखे।
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