
उदित वाणी, जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम स्टूडेंट यूनियन की ओर से शनिलाक तो छात्र आक्रोश महारैली निकाली जाएगी. छात्रों ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है. छात्रों ने कहा कि आठ अप्रैल को एलबीएसएम कॉलेज से करनडीह चौक होते हुए सुंदरनगर तक और सुंदरनगर से पुन: करनडीह चौक होते हुए जमशेदपुर प्रखंड कार्यालय खासमहल तक यह छात्र आक्रोश महारैली निकाली जाएगी.
इस दौरान राज्यपाल व मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन बीडीओ को सौंपा जाएगा. इसमें 11 बिंदुओं पर अपनी मांगों को रख झारखंड सरकार से इन मांगों पर अविलंब अमल करने की अपील की जाएगी.
छात्र नेता नारान मार्डी ने कहा कि हमारी मांग है कि झारखंड सरकार द्वारा बनाई गई वर्तमान नियोजन नीति 60-40 को अविलंब खारिज किया जाए. इसके साथ ही खतियान के आधार पर स्थानीय नीति बने. तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग श्रेणी नौकरी में 100% स्थानीय को नौकरी मिले हैं. टीआर आई द्वारा निर्धारित 9 जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा को ही नियोजन नीति में अनिवार्य रूप से लागू किया जाए.
एवं प्राथमिक विद्यालय से लेकर के विश्वविद्यालय तक जनजाति क्षेत्रीय भाषा को अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाए एवं आवश्यक शिक्षकों की पद सृजित करते हुए अविलंब शिक्षकों की नियुक्ति की जाए.
साथ ही साथ परीक्षा नकल विरोधी कानून बनाया जाए और खतियान आधारित नियोजन नीति बनने के उपरांत ही नियुक्ति हो. इसके अतिरिक्त भी भारतीय संविधान के अनुसूची में सम्मिलित संथाली भाषा का अपमान करने वाले विधायक सीपी सिंह सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की भी मांग को रखा जाएगा.
साथ ही साथ नियोजन नियमावली में झारखंड के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा, लिपि एवं संस्कृति का ज्ञान होनाअनिवार्य करने की मांग रखी जाएगी. शुक्रवार को महारैली के लिए झंडे-बैनर तैयार किए गए.
गौरतलब हो कि इस महारैली में पूरे कोल्हान के विद्यार्थी हिस्सा लेंगे और नीति का विरोध करेंगे. मुख्य रूप से सुकरा हो, सुरेश हांसदा, संजीव कुमार मुर्मू, रुपाई मार्डी, श्याम चरण मुर्मू, भूगलू हांसदा करनजीत हांसदा, सांगेंन बेसरा, निर्माल किस्कू, आनन्द मुर्मू , संतोष सरदार, सुजित सरदार, बुनुराम हांसदा उपस्थित थे.
क्या है 60-40 की नीति
इस नियोजन नीति में प्रावधान किया गया कि 60% सीट का आरक्षण झारखण्ड वासियों के लिए और 40% अन्य राज्य के अभ्यर्थियों के लिए निर्धारित होगी. इसमें झारखण्ड के सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को भी शामिल किया गया और पेपर 2 में हिंदी इंग्लिश और उर्दू को जोड़ दिया गया.
इसनियोजन नीति के तहत 60% आरक्षण के अंतर्गत 50% झारखण्ड के लोगों के लिए सीट अरक्षित रखा गया है और 10% ईडब्ल्यूएस के लिए और बाकी 40% पूरी तरह से ओपन रखा गया, जिसके तहत देश का कोई भी नागरिक नौकरी के लिए आवेदन कर सकेगा.
इस नीति के खिलाफ युवाओं में रोष व्याप्त है. छात्र तो आंदोलनरत हैं ही, सदन में विपक्ष द्वारा भी इसका विरोध किया जा रहा है.
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