उदित वाणी, जमशेदपुर : देश की सार्वजनिक संपत्तियों का निजीकरण और मजदूरों के अधिकारों पर हो रहे हमलों के खिलाफ झारखंड में श्रमिक आंदोलन को तेज करने के आह्वान के साथ सेन्टर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) का दो दिवसीय सातवां राज्य सम्मेलन रविवार को जमशेदपुर में संपन्न हो गया.
सम्मेलन के अंतिम दिन 51 सदस्यीय नई राज्य कमिटी और 34 सदस्यीय पदाधिकारियों का चुनाव किया गया, जिसमें झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन के अध्यक्ष और झारखंड के भूतपूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरू शिबू सोरेन को सीटू झारखंड का मुख्य संरक्षक बनाया गया. इसके साथ मिथलेश सिंह अध्यक्ष, भवन सिंह कार्यकारी अध्यक्ष, विश्वजीत देव महासचिव, आरपी सिंह संयुक्त महासचिव और अनिर्वान बोस कोषाध्यक्ष चुने गए. प्रकाश विप्लव, डीडी रामानन्द, केके त्रिपाठी, रामचंद्र ठाकुर, मो. इकबाल, बीडी प्रसाद, फागु बेसरा, अरूप चटर्जी, सुरेश प्रसाद गुप्ता, सुंदर लाल महतो और पुनम कुमारी उपाध्यक्ष, एसके घोष, अरुण कुमार सिंह, प्रदीप विश्वास, असीम कुमार हलधर, धनेश्वर तुरी, संजय पासवान, शैलेश कुमार, कार्तिक दत्ता, केएन सिंह, विजय कुमार भोई, समीर विश्वास, हरेंद्र यादव, जय नारायण महतो, भारत भूषण, राजेंद्र प्रसाद राजा, अमर उरांव, बलभद्र दास और मानस चटर्जी सचिव चुने गए.
15 नवम्बर को बिरसा मुंडा की जयंती मनाने का फैसला
सम्मेलन में 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती पर लाल झंडा फहराने, 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाने, न्यूनतम मज़दूरी पुनरीक्षण व श्रम विभाग की विभिन्न कमिटियों के पुनर्गठन की मांग, राज्य में बंद किए गए स्कूलों को पुनः खोलने, आंगनबाड़ी केन्द्रों की 10388 पोषण सखी को पुनः बहाल करने, सभी योजना कर्मियों को न्यूनतम मज़दूरी के लाभ के दायरे में लाने तथा भयानक महंगाई, बेरोजगारी, सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण, मजदूर विरोधी लेबर कोड सहित अन्य किसान मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ़ संघर्ष का प्रस्ताव पारित किया गया.
मजदूरों की एकता पर जोर
सम्मेलन के प्रतिनिधि सत्र में सीटू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ज्ञान शंकर मजुमदार ने संगठित क्षेत्र के मजदूरों पर सरकार प्रायोजित हमलों और अपने जीवन जीविका की रक्षा के लिए मजदूरों की व्यापक एकता बनाकर आंदोलन पर जोर दिया. समापन भाषण करते हुए मुख्य वक्ता देश के प्रख्यात श्रमिक नेता पूर्व सांसद और सीटू के राष्ट्रीय महासचिव कॉमरेड तपन सेन ने झारखंड में संगठित और असंगठित क्षेत्र के मजदूर कर्मचारियों को सीटू से जोड़ने और मोदी सरकार की मालिक पक्षीय जनविरोधी नीतियों से आगाह करने और राज्य में मजदूरों का सबसे बड़ा संगठन सीटू को बनाने का आह्वान किया. सम्मेलन में विभिन्न सेक्टरों के 54 यूनियनों से 34 महिलाओं सहित 361 प्रतिनिधि और दर्शक शामिल हुए.
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