
उदित वाणी, जमशेदपुर : टाटानगर-बड़ामपहाड़ रेलखंड पर मंगलवार सुबह एक दर्दनाक हादसे में हरहरगुट्टू निवासी 52 वर्षीय बसंत विश्वकर्मा की जान चली गई। मृतक पेशे से मोटरसाइकिल मिस्त्री था और अपने साथी संजय शर्मा के साथ ट्रेन पकड़ने आया था। घटना सुबह करीब 5:30 बजे की है जब ट्रेन संख्या 68129 (टाटानगर-बड़ामपहाड़ मेमू) स्टेशन से रवाना हो चुकी थी और दोनों यात्री उसे पकड़ने के लिए दौड़े।
ट्रेन चल पड़ी थी, एक चढ़ा—दूसरा रह गया पीछे
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, संजय शर्मा किसी तरह चलती ट्रेन में सवार हो गया, लेकिन बसंत विश्वकर्मा का संतुलन बिगड़ गया और वह फिसलकर ट्रेन के नीचे आ गया। ट्रेन के पहियों की चपेट में आने से वह कई मीटर तक घसीटता चला गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। साथी संजय शर्मा ने यह दृश्य देखकर घबराहट में ट्रेन से छलांग लगा दी, जिससे उसे भी चोटें आईं।
सूचना पर पहुँची रेल पुलिस, शव को कब्जे में लिया
घटना की सूचना मिलते ही रेलवे पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। घायल संजय शर्मा को प्राथमिक उपचार के लिए रेलवे अस्पताल लाया गया, जहां उसकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
रेल पुलिस ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि दोनों यात्री टाटानगर से बड़ामपहाड़ जाने वाले थे। ट्रेन के छूटने के बाद दौड़कर चढ़ने की कोशिश में हादसा हुआ।
रेल सुरक्षा के प्रति लापरवाही फिर पड़ी भारी
गौरतलब है कि इस रेलखंड पर प्रायः सुबह के समय यात्रियों की भारी भीड़ रहती है और मेमू ट्रेनें दैनिक यात्रियों की जीवनरेखा मानी जाती हैं। लेकिन चलती ट्रेन में चढ़ने और उतरने की प्रवृत्ति आए दिन जानलेवा साबित हो रही है।
रेल प्रशासन द्वारा बार-बार चेतावनी देने के बावजूद भी यात्री अपनी जान जोखिम में डालते रहते हैं। रेलवे अधिकारियों ने फिर से आम यात्रियों से अपील की है कि चलती ट्रेन में चढ़ने या उतरने का प्रयास बिल्कुल न करें और निर्धारित समय पर प्लेटफार्म पर पहुँचें।
टाटानगर-बड़ामपहाड़ रेल खंड दक्षिण-पूर्व रेलवे ज़ोन का एक महत्वपूर्ण भाग है, जो झारखंड और ओडिशा की सीमा को जोड़ता है। यह खंड खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के दैनिक यात्रियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इस रूट पर चलने वाली मेमू ट्रेनों में सुबह-शाम खासी भीड़ देखी जाती है।
स्थानीय प्रशासन और रेलवे की अपील
रेलवे और स्थानीय प्रशासन ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए यात्रियों से अपील की है कि—
चलती ट्रेन में चढ़ने से परहेज़ करें। ट्रेन के समय से पहले प्लेटफार्म पर पहुँचें। यात्रियों की सुरक्षा प्राथमिकता है, लेकिन इसमें सहयोग भी जरूरी है।
रेलवे पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए स्टेशन पर अतिरिक्त निगरानी की व्यवस्था की जाएगी और सीसीटीवी फुटेज की सहायता से यात्रियों की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी।
मृतक के परिवार में पसरा मातम
बसंत विश्वकर्मा की मृत्यु की सूचना मिलते ही उसके हरहरगुट्टू स्थित घर में कोहराम मच गया। परिजनों के अनुसार, बसंत रोजाना इसी ट्रेन से काम पर जाया करता था। वह अपने पीछे पत्नी, दो बेटे और एक बेटी को छोड़ गया है। पड़ोसियों और रिश्तेदारों की भीड़ उसके घर पर जुट गई है।
स्थानीय पार्षद ने रेलवे प्रशासन से मृतक के परिवार को मुआवज़ा देने और घायल यात्री को उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है।
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