उदित वाणी रांची : झारखण्ड में सभी छूटे हुए वृद्ध, विधवा, निराश्रित महिला, दिव्यांग्जन, आदिम जनजाति एवं एचआइवी एड्स पीडि़त को पेंशन योजना से जोडऩे की प्रक्रिया जारी है. इस परिपेक्ष्य में वर्तमान सरकार द्वारा 7,79,142 से अधिक लाभुकों को योजना का लाभ मिला है. इन्हें हर माह एक हजार सम्मान राशि के रूप के दी जा रही है. इस कड़ी में बुधवार को मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन गुमला में आयोजित पेंशन वितरण सह जागरूकता कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए.
राज्य सरकार ने खुद बीड़ा उठाया
कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने गठन के बाद केंद्र सरकार से आग्रह किया था कि राज्य के वृद्ध, नि:शक्त, निराश्रित महिला का पेंशन यूनिवर्सल कर दें. लेकिन केंद्र सरकार लंबे इंतजार के बाद भी कोई जवाब नहीं आया. इसके बाद राज्य सरकार ने निर्णय लिया और सभी को पेंशन देने का कानून बनाया गया. झारखण्ड देश का पहला राज्य है, जिसने ऐसा किया. जो 60 वर्ष से अधिक उम्र का होगा उसे पेंशन प्राप्त होगा. सरकार ने विधवा पेंशन के तय 40 वर्ष की आयु एवं दिव्यांग के लिए निर्धारित 18 वर्ष की आयु सीमा को समाप्त कर दिया ताकि सभी को पेंशन को लाभ मिल सके. सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया कि हर माह की पांच तारीख तक पेंशन मिले जाए. मुख्यमंत्री ने कहा की झारखंड में गरीब, किसान और मजदूर की बड़ी तादाद है. इसलिए सामाजिक सुरक्षा राज्य के लिए महत्वपूर्ण है.
महिलाओं की मदद को सरकार तैयार
मुख्यमंत्री ने कहा कि पलाश ब्रांड को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान देने की पहल की जा रही है. इससे महिलाएं स्वरोजगार अपना कर आर्थिक रूप से मजबूत बन रहीं हैं. उन्होंने हडिय़ा-दारू का व्यवसाय करने वाली महिलाओं से आग्रह किये की वे सरकार के पास आएं. सरकार उनको सम्मानजनक कार्य करने में सहयोग करेगी. 25 हजार से अधिक हडिय़ा दारू बेचने वाली महिलाओं को सम्मानजनक आजीविका से जोड़ा जा चूका है.
पदाधिकारी सतर्क होकर योजना को समझाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार सृजन योजना के तहत सरकार स्वरोजगार हेतु लोन उपलब्ध करा रही है. हर तरह के व्यवसायिक कार्य के लिए लोन दिया जा रहा है. सभी पदाधिकारी सतर्क होकर ग्रामीणों को योजना समझाएं और राज्य के लोगों को मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना का लाभ दें.
मुख्यमंत्री ने बताया कि सीएम सारथी योजना के जरिए प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करने वाले बच्चों का खर्च सरकार वहन करेगी. रामदयाल मुंडा जी ने एक बात कही थी यहां के लोगों का बोलना ही गीत और चलना ही नृत्य है. इस बात को जीवंत करते हुए सरकार हर आदिवासी के घर में मांदर हो इसकी व्यवस्था करेगी. इसकी योजना बनाई जा रही है. जिससे संस्कृति के संरक्षण को और बल मिलेगा.
सभी के हित का है ध्यान
50 हजार से अधिक पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया सरकार जल्द शुरू कराएगी. अधिक से अधिक युवा प्रतियोगिता परीक्षा में भाग लें. सरकार ने आवेदन की निर्धारित राशि को कम कर 50 रुपए कर दिया है. राज्य में कार्यरत रसोईया, सहिया समेत सभी की समस्याओं का समाधान होगा.
घर बैठे लोगों योजनाओं से आच्छादित किया गया
मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि राज्य में 15 लाख लोगों को हरा राशन कार्ड दिया गया. आने वाले दिनों में पांच लाख अन्य लोगों को हरा राशन कार्ड दिया जायेगा. जरूरतमंद लोगों को धोती साड़ी भी सरकार दे रही है. राज्य सरकार ने साहसिक कदम उठाते हुए सरना धर्म कोड को विधानसभा में पारित किया. यह आदिवासी हित के लिए किया गया.
वंचित बच्चों को स्कॉलरशिप देने की पहल हुई
मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के जरिए योजनाओ लोगों को जोड़ा गया. सर्वजन पेंशन योजना के तहत सभी जरूरतमंदों को लाभ देने का कार्य शुरू हुआ. सरकार ने वंचित बच्चों को स्कालरशिप देने की पहल हुई. अब राज्य की जनता भी अन्य लोगों को सरकार को योजनाओं के प्रति जागरूक करने का काम करें, जिससे सभी को योजना का लाभ प्राप्त हो सके.
इन्हें मिल रहा पेंशन का लाभ
गुमला में राज्य प्रायोजित मुख्यमंत्री राज्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के 41630, मुख्यमंत्री आदिम जनजाति पेंशन योजना के 3572, मुख्यमंत्री राज्य निराश्रित महिला सम्मान पेंशन योजना के 11243, मुख्यमंत्री राज्य सुरक्षा पेंशन योजना के 79 एवं स्वामी विवेकानन्द नि:शक्त स्वालंबन पेंशन योजना के 4597 लाभुकों को पेंशन का लाभ दिया जा रहा है. इस अवसर पर सिसई विधायक जिग्गा सुसारन होरो, गुमला विधायक भूषण तिर्की, प्रधान सचिव अविनाश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, उपायुक्त गुमला सुशांत गौरव एवं अन्य उपस्थित थे.
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