उदित वाणी, जमशेदपुर: जमशेदपुर वर्कर्स महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई (एनएसएस) और मनोविज्ञान विभाग द्वारा आयोजित ‘मानसिक-स्वास्थ्य कल्याण’ पर दो दिवसीय कार्यशाला का आज समापन हुआ. इस कार्यशाला का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य को लेकर छात्रों को जागरूक करना और उन्हें मानसिक तनाव से उबरने के उपायों से अवगत कराना था.
उद्घाटन सत्र: मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर प्रकाश
कार्यशाला का उद्घाटन प्राचार्य डॉ. सत्यप्रिय महालिक ने ऑनलाइन माध्यम से किया. अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने दैनिक जीवन में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के उपाय बताए और मानसिक संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया.
प्रमुख वक्ता: तनाव प्रबंधन और आत्मविश्वास का महत्व
कार्यशाला के दूसरे दिन मुख्य अतिथि डॉ. धर्मेन्द्र रजक और मुख्य वक्ता डॉ. भाग्यश्री कर ने सत्र में भाग लिया. डॉ. धर्मेन्द्र रजक ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों और संघर्षों को साझा करते हुए छात्रों को संवाद, आत्मविश्वास, और आत्म-संदेह से मुक्ति पाने के तरीके बताए. उन्होंने तनाव कम करने के विभिन्न उपायों पर भी चर्चा की.
काउंसलिंग सत्र: आर्ट ऑफ लिविंग का योगदान
डॉ. भाग्यश्री कर ने सदर अस्पताल चाईबासा और जमशेदपुर के आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा काउंसलिंग सत्र आयोजित किया, जिसमें छात्रों को मानसिक शांति और संतुलन बनाए रखने के लिए विभिन्न प्रैक्टिकल तकनीकों से अवगत कराया गया.
कार्यशाला का समापन: मानसिक और शारीरिक कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता
कार्यशाला का समापन मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. वाजदा तबस्सुम और समापन सत्र की अध्यक्षता डॉ. संगीता कुमारी ने की. धन्यवाद ज्ञापन सुरभि सिंह ने किया. कार्यशाला में 100 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया और विभिन्न आसन व प्राणायाम अभ्यास किए. इस अवसर पर प्रो. हरेंद्र पंडित, डॉ. सुमन कुमारी, डॉ. आलोक चौबे, प्रो. प्रियंका और अन्य शिक्षक भी उपस्थित थे.
कार्यशाला का समापन मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य कल्याण के प्रति छात्रों की प्रतिबद्धता के साथ हुआ, जिससे उन्हें तनाव प्रबंधन और मानसिक शांति के उपायों का गहरा समझ प्राप्त हुआ.
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