
उदित वाणी, रांची: हेमंत हटाओ, झारखंड बचाओ कार्यक्रम के तहत सचिवालय घेरने गये उग्र भाजपाइयों पर पुलिस ने जमकर लाठियां चटकायी. वाटर कैनन से पानी के बौछार किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े गये.
वहीं पुलिस लाठीचार्ज व आंसू गैस के गोले से सांसद सुनील सिंह समेत लगभग 30 भाजपा कार्यकर्ता घायल हो गए. विधायक सीपी सिंह समेत कई भाजपा कार्यकर्ता आंसू गैस की चपेट में आ गए. घायलों को इलाज के लिए एचईसी पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि हेमंत सरकार की पुलिस ने पार्टी कार्यकर्ताओं पर बर्बर तरीके से लाठीचार्ज किया.
जिसके विरोध में 12 अप्रैल को राज्य भर के पार्टी के सभी मंडलों में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन किया जायेगा और भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा काला दिवस मनाया जाएगा.
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत प्रदेश भाजपा द्वारा आहूत सचिवालय घेराव कार्यक्रम के लिए प्रदेश भाजपा के नेता-कार्यकर्ता मंगलवार को पूर्वाहन से ही जगन्नाथ प्रभात तारा मैदान में जुटे. जहां भाजपा नेताओं ने हेमंत सरकार को जमकर कोसा. इसके बाद प्रभात तारा मैदान से भाजपा के नेता-कार्यकर्ता लगभग 2 बजे सचिवालय घेराव करने प्रोजेक्ट भवन की तरफ जुलूस के शक्ल में निकले.
लेकिन रांची जिला प्रशासन ने शहीद विश्वनाथ शाहदेव चैक से प्रोजेक्ट बिल्डिंग तक घारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गई थी और शहीद विश्वनाथ चैक पर प्रोजेक्ट बिल्डिंग की ओर जाने वाले सारे रास्ते को बैरिकेटिंग करके सील कर दिया गया था तथा सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर सीआरपीएफ व रैपिड एक्शन फोर्स, रैफ की महिला कंपनी, झारखंड पुलिस, एसआईएसएफ समेत झारखंड जगुआर के जवानों को तैनात किया गया था तथा साथ-साथ बज्र वाहन, वाटर कैनन और आंसू गैस के वाहनों का भी इंतजाम किया गया था.
रांची के उपायुक्त राहुल सिन्हा, एसएसपी किशोर कौशल, सदर एसडीएम दीपक दूबे भी स्वयं शहीद विश्वनाथ चैक में मौजूद थे. इसी बीच भाजपा नेता कार्यकर्ता सचिवालय घेराव करने वहां पहुंचे.
बैरिेकेटिंग के बाहर कुछ देर तक भाजपा नेताओं ने भाषण दिया और हेमंत सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. फिर अचानक भाजपा कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास करने लगे और पुलिस पर पानी की बोतले फेंकने शुरू किया. पुलिस के समझाने के बावजूद जब भाजपा कार्यकर्ताओं ने सचिवालय घेरने के लिए बैरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास किया तथा पुलिस व भाजपा कार्यकर्ताओं, नेताओं विधायकों व सांसदों में हाथापाई होने लगी, तो पुलिस द्वारा वाटर कैनन से पानी की बौछार शुरू कर दी.
इसके बाद भाजपाई और उग्र हो गये तथा कुछ उद्यंड कार्यकताओं ने पत्थरबाजी शुरू की, तो पुलिस ने आंसू गैस छोड़े और जमकर लाठियां बरसाई. जिसमें सांसद सुनील सिंह समेत एक पत्रकार व लगभग 30 भाजपा कार्यकर्ताओं को कोई भी चोटें आई. इसी बीच सांसद संजय सेठ की हालत बिगड़ने लगी. पत्थरबाजी से कुछ जवानों को चोटें आई.
हिरासत में लिया फिर छोड़ा
वहीं आंदोलन के दौरान ही जिला प्रशासन ने सांसद समीर उरांव, संजय सेठ, सुनील सिंह, विधायक बिरंची नारायण, अमित मंडल समेत कई प्रमुख नेताओं व कार्यकताओं को हिरासत में लिया और एक बस में बैठाकर जगन्नाथपुर कैंप जेल भेज दिया.
जबकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया. जबकि आंदोलन का नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी व रघुवर दास, सांसद विद्युत वरण महतो, जयंत सिन्हा के अलावा कई सांसद व विधायक समेत अन्य नेता कर रहे थे. वहीं प्रभात तारा मैदान में केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुण्डा व अन्नपूर्णा देवी ने भी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और मैदान से ही वे लौट गये.
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