उदित वाणी, जमशेदपुर: 22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में पर्यटकों की शहादत ने पूरे देश को झकझोर दिया है. इस दुखद घटना के बाद देशभर में आक्रोश व्याप्त है. देश की सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं और आतंकी हमलों की आशंका को देखते हुए तैयारी में जुट गई हैं.
आतंकियों को जवाब देने की तैयारी: झारखंड के पांच जिलों में मॉक ड्रिल
देश के विभिन्न राज्यों की तरह झारखंड के भी पांच जिलों में मॉक ड्रिल की योजना बनाई गई है. पूर्वी सिंहभूम जिला, जिसमें जमशेदपुर शहर स्थित है, उनमें से एक है. जिला प्रशासन ने जमशेदपुर में मॉक ड्रिल को लेकर तैयारियां पूरी कर ली हैं.
उपायुक्त की चेतावनी: लाइट बंद करें, घरों से न निकलें
उपायुक्त अनन्य मित्तल ने बताया कि मॉक ड्रिल के दौरान आम जनता को जागरूक करने और आपदा से निपटने के अभ्यास हेतु कई स्थानों पर कार्यक्रम होंगे. पूर्वाह्न 11 बजे से रेलवे स्टेशन, सोनारी एयरपोर्ट, शैक्षणिक संस्थानों और कंपनियों के परिसरों में जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जाएंगी. अपराह्न 4 से 7 बजे के बीच मुख्य मॉक ड्रिल होगी.
क्या करना है, क्या नहीं: शहरवासियों के लिए दिशानिर्देश
प्रशासन ने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे शाम 4 बजे से अपने घरों की सभी लाइटें बंद रखें. मोहल्लों और गलियों में अंधेरा बनाए रखें ताकि घर की रोशनी बाहर से न दिखे. यदि कोई वाहन सड़क पर हो तो उसकी हेडलाइट बंद कर दी जाए और वाहन एक स्थान पर खड़ा कर दिया जाए.
कब बजेगा सायरन और मॉक ड्रिल कब होगी समाप्त?
मॉक ड्रिल के आरंभ से ठीक पहले तीन मिनट तक लगातार सायरन बजेगा. यह संकेत होगा कि अभ्यास शुरू हो चुका है. इसके बाद नागरिक अपने घरों में रहें और सभी प्रकार की लाइटें बंद कर दें. मॉक ड्रिल समाप्ति का संकेत तीन बार तीन-तीन सेकंड के सायरन से दिया जाएगा.
सुरक्षा व्यवस्था रहेगी सख्त, मीडिया को भी नहीं मिलेगी अनुमति
प्रशासन ने जानकारी दी है कि मॉक ड्रिल के दौरान एनसीसी के जवान, फायर सर्विस, एंबुलेंस, चिकित्सक और पुलिस बल तैनात रहेंगे. मॉक ड्रिल स्थलों पर मीडिया या किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक रहेगी. साथ ही यातायात रूटों में भी अस्थायी परिवर्तन किया जाएगा.
मॉक ड्रिल क्यों ज़रूरी है?
मॉक ड्रिल का उद्देश्य युद्ध जैसी आपात स्थिति में नागरिकों और प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया की क्षमता का परीक्षण करना है. आतंकी तत्व अंधेरे में ही लक्ष्य ढूंढते हैं. इसलिए यह जरूरी है कि मॉक ड्रिल के दौरान हर घर, वाहन और संस्थान में रोशनी बंद रखी जाए. जेनरेटर का उपयोग भी न किया जाए.
आपात स्थिति में क्या करें?
यदि किसी को आपात चिकित्सा या अन्य सेवा की आवश्यकता हो, तो पुलिस प्रशासन वैकल्पिक मार्गों के माध्यम से सहायता उपलब्ध कराएगा. फिर भी, नागरिकों से अपील की गई है कि वे अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।