उदित वाणी, घाटशिला: माझी पारगाना महाल के घाटशिला प्रखंड अध्यक्ष एवं देश विचार सचिव बहादूर सोरेन की अध्यक्षता में 29वें ग्राम सभा स्थापना दिवस को सफल बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया. यह बैठक किताडीह मैदान में परंपरागत सामाजिक नेतृत्वकारी माझी बाबा (ग्राम प्रधानों) और सामाजिक कार्यकर्ताओं के बीच हुई.
पेसा कानून और ग्राम सभा का महत्व
बैठक के दौरान श्री सोरेन ने कहा कि पेसा कानून 24 दिसंबर 1996 को भूरिया कमिटी की सिफारिश पर पारित किया गया था. यह कानून आज पूरे देश में लागू है और झारखंड में भी इसके तहत ग्राम सभा के माध्यम से आदिवासी समाज अपनी सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक और न्यायिक व्यवस्था से संबंधित सभी कार्य स्वयं कर सकता है.
आदिवासी अधिकारों और संस्कृति की रक्षा
उन्होंने यह भी बताया कि आदिवासी, मुलवासी अधिकारों, संस्कृति, परंपरा और अस्तित्व के संरक्षण के लिए कई कानून आजादी से पहले से मौजूद हैं, लेकिन इसके बावजूद आदिवासियों का अस्तित्व आज पूरे भारत में संकट में है. इस संकट से निपटने के लिए सभी को एकजुट होने और लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है.
उपस्थित अतिथि
इस अवसर पर सुधीर कुमार सोरेन, रतन टुडू, श्याम सोरेन, बिक्रम मार्डी, दशरथ हेम्ब्रम, गौर सिंह काली पदो सोरेन सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे.
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