उदित वाणी, जमशेदपुर: झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में आयोजित सार्वजनिक डिगरी डैम टुसू मेला ने इस वर्ष भी उत्साह और सांस्कृतिक विविधता का संदेश दिया. मकर संक्रांति के दूसरे दिन आयोजित यह मेला 40 वर्षों से राज्य की महान संस्कृति, परंपरा और आस्था का प्रतीक रहा है.
मंत्री रामदास सोरेन की उपस्थिति
इस ऐतिहासिक मेले में मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड सरकार के मंत्री रामदास सोरेन ने शिरकत की. उन्होंने मेले को झारखंड की समृद्ध संस्कृति, परंपरा और भाईचारे का प्रतीक बताया. उन्होंने कहा कि यह मेला आदिवासी मूल निवासियों के लिए न केवल पौराणिक बल्कि ऐतिहासिक महत्व भी रखता है.
भाईचारे और एकता का संदेश
मंत्री सोरेन ने कहा, “यह उत्सव एक-दूसरे के साथ मिल-जुलकर रहने और भाईचारे को प्रोत्साहित करने का संदेश देता है.” उन्होंने आयोजन समिति की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए सफल आयोजन के लिए धन्यवाद भी व्यक्त किया.
आयोजन की शोभा बढ़ाने वाले लोग
मेले में विधायक प्रतिनिधि जगदीश भगत, प्रखंड अध्यक्ष वकील हेमाराम, काजल दान, काली पद, गोपाल कोउरी, प्रकाश निषाद, अंकुर कउड़ी, देवव्रत सिंह, उपन सिंह, दसमत हेंब्रम, टु मुर्मू, मंगल हंसदा और राधे मुर्मू जैसे गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे.
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