the_ad id="18180"]
क्षेत्रीय भाषा के शिक्षकों की कमी पूरी करने की कवायद
कॉलेज के अपने फंड से किया जाएगा मानदेय का भुगतान
उदित वाणी जमशेदपुर : कोल्हान विश्वविद्यालय में अस्थायी शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। जिन विषयों के शिक्षक नहीं हैं, उनकी नियुक्ति कॉलेज स्तर पर करने का निर्णय लिया गया है। स्थायी शिक्षकों की कमी के कारण यह पहल की जा रही है।
जब तक स्थाई शिक्षकों के बहाली प्रक्रिया पूरी नहीं होती है, तब तक कोल्हान विश्वविद्यालय प्रशासन अपने इंटरनल सोर्स से शिक्षकों की नियुक्ति करेगा। शिक्षकों की कमी को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने सरकार से पत्राचार किया था। विवि ने प्रस्ताव तैयार कर एचआरडी को भेजा था। प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने के बाद अपने स्तर से ही शिक्षक बहाली करने का आदेश दिया गया है।
इसमें कहा गया है कि वैसे कॉलेज जहां पर शिक्षकों की भारी कमी है वहां अगले माह से इंटरनल सोर्स से शिक्षक की बहाली की जा सकती है। साथ ही आवश्यकता आधारित शिक्षकों की बहाली रोस्टर के आधार पर की जाएगी।
वैसे शिक्षक जो इंटरनल सोर्स से बहाल होंगे, उन शिक्षकों को घंटी आधारित के तहत ही मान्यता मिलेगी। हालांकि उन्हें पैसों का भुगतान विश्वविद्यालय स्तर से ही होगा और उसका कोई पे स्केल नहीं होगा। एक पे स्केल तैयार कर विश्वविद्यालय भुगतान करेगा।
कोल्हान विश्वविद्यालय में सर्वप्रथम जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा के विभाग में शिक्षकों की बहाली होगी। उसके बाद अन्य कॉलेजों में बहाली प्रक्रिया शुरू की जाएगी। गौरतलब हो कि सरकार ने विश्वविद्यालय को क्षेत्रीय भाषा व जनजातीय भाषा में शिक्षकों की कमी होने पर इंटरनल सोर्स से अपने स्तर से बहाली प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया था।
कोल्हान विश्वविद्यालय में हो, कुड़माली, संताली, कुडुक भाषा की पढ़ाई होती है, लेकिन एक भी स्थाई शिक्षक नहीं हैं। इस वजह से विद्यार्थियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कई बार सरकार को स्थाई बहाली प्रक्रिया शुरू करने को लेकर प्रस्ताव भेजा गया है, लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है। वित्त विभाग में अभी तक फाइल लंबित है। इसके लिए विश्वविद्यालय की ओर से सभी महाविद्यालयों को पहले ही निर्देश दे दिए गए हैं। कॉलेज अपने स्तर पर विज्ञापन निकाल कर ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति कर सकते हैं, ताकि जनजातीय भाषाओं की पढ़ाई के लिए शिक्षक उपलब्ध रहें। ऐसा इसलिए, क्योंकि विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय व जनजातीय भाषा के एक भी स्थायी शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं।
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।
Advertisement
<