सैकड़ों मरीज रहे परेशान, बाद में लौटे काम पर
उदित वाणी, जमशेदपुर: एमजीएम मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के जूनियर व प्रशिक्षु डॉक्टरों ने शुक्रवार सुबह हड़ताल कर दी. क्योंकि चार महीने से उन्हें स्टाइपेंड नहीं मिला है. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से सैकड़ों मरीजों को परेशानी हुई. एक साथ करीब तीन दर्जन जूनियर डॉक्टरों के ड्यूटी में नहीं आने से इमरजेंसी व ओपीडी में मरीजों की लंबी कतार लग गई थी.
अस्पताल अधीक्षक डॉ. अरुण कुमार ने मंदिर के पास एकत्र जूनियर डॉक्टरों को समझाने का प्रयास किया लेकिन जूनियर एवं प्रशिक्षु डॉक्टर वेतन नहीं मिलने तक जांच व इलाज से दूर रहने की बात कही. डॉ. विनीत कुमार ने कहा कि वेतन के लिए अधीक्षक को कई बार ज्ञापन दिया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.
उन्होंने बताया 45 जूनियर एवं 90 प्रशिक्षु डॉक्टर 24 घंटे इमरजेंसी, ओपीडी एवं वार्ड में मरीजों की जांच व इलाज करते हैं. लेकिन सुविधा पर अस्पताल एवं कॉलेज के पदाधिकारी ध्यान नहीं देते हैं. इसी कारण से स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य सचिव एवं एमजीएम कॉलेज के प्रिंसिपल व अस्पताल अधीक्षक को ज्ञापन देकर काम से दूर हैं.
स्वास्थ्य मंत्री के ट्वीट के बाद समाप्त की हड़ताल
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने की सूचना पाकर तुरंत इस मामले में संज्ञान में लेते हुए चार माह का वेतन एक सप्ताह के अंदर देने संबंधी ट्वीट किया. एमजीएम में मंत्री के प्रतिनिधि राजेश बहादुर द्वारा जूनियर डॉक्टरों को ट्वीट दिखाने के बाद वे शांत हुए और हड़ताल समाप्त कर ड्यूटी पर जाने का निर्णय लिया.
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