- निर्माण कार्य की श्रेणी में जीएसटी दर में 6 प्रतिशत वृध्दि करने का बड़ा निर्णय
- आदिवासी भूमि के अवैध हस्तांतरण मामले में डीआरडीए हजारीबाग के निदेशक मतियस विजय टोप्पो सेवा से बर्खास्त
बिशेष प्रतिनिधि
उदित वाणी, रांची: हेमंत सरकार की राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में झारखंड में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर व सराहनीय काम करनेवाले शिक्षकों, छात्रों, प्रशासकों एवं संस्थानों को पुरस्कृत करने का अहम फैसला लिया गया है. कैबिनेट विभाग के अपर सचिव राजीव रंजन ने मंत्रिपरिषद के निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि झारखंड राज्य उच्चतर शिक्षा पुरस्कार योजना समेत 6 प्रस्तावों पर मंजूरी दी गई. उन्होंने बताया कि इस अवॉर्ड स्कीम के तहत कुल नौ पुरस्कार दिये जायेंगे. इसके तहत शिक्षक व छात्र वर्ग में झारखंड राज्य शोध रत्न समेत कुल नौ तरह के पुरस्कार दिए जायेंगे. प्रत्येक बिषय में प्रथम स्थान पाने वाले को स्वर्ण पदक व दो लाख रुपये, दूसरे स्थान में रहनेवाले को रजत पदक व डेढ़ लाख रुपये तथा तृतीय स्थान को कांस्य पदक व एक लाख रुपये का पुरस्कार दिये जायेंगे.
सभी पुरस्कार विजेताओं को प्रमाण पत्र तथा स्मारिका भी दिया जायेगा. इस पुरस्कार योजना के तहत हर बर्ष कम से कम तीन शिक्षक-छात्रों व संस्थानों को यह पुरस्कार दिया जायेगा. पुरस्कार खोज समिति इसके लिए अनुशंसा करेगी. जिस पर झारखंड राज्य उच्च शिक्षा परिषद का अनुमोदन भी लिया जायेगा. पुरस्कार के लिए विभिन्न बिषयों में विभिन्न संस्थानों से सहयोग लिया जायेगा. जिसमें अर्थशास्त्र में नेशनल इंसटीच्यूट ऑफ पब्लिक फाइनांस एंड पॉलिसी नई दिल्ली, सोशल साइंस में जेएनयू दिल्ली व अप्लॉयड सांइस में आइआइटी भुवनेश्वर, ट्राइबल भाषा के लिए रामदयाल मुंडा ट्राइबल वेलफेयर रिसर्च संस्थान रांची, नॉन ट्राइबल में जेएनयू दिल्ली, गणित व सांख्यिकी में इंडियन सांख्यिकी संस्थान कोलकाता जैसे संस्थान होंगे. शिक्षकों के लिए पुरस्कार के लिए न्यूनतम अवधि छह बर्ष व आवेदन करने की अधिकतम अवधि 70 बर्ष निर्धारित किया गया है. अर्थशास्त्र, सामाजिक विज्ञान, अनुप्रयुक्त विज्ञान, अप्लाइड साइंस जैसे इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर के अलावा बेसिक विज्ञान, भौतिकी, रसायन शास्त्र, बायलॉजी तथा गणित एवं सांख्यिकी, जनजातीय व क्षेत्रीय गैर जनजातीय भाषाओं के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करनेवाले शिक्षकों, छात्रों व स्ंस्थानों को पुरस्कार दिये जायेंगे.
वहीं उन्होंने बताया कि सरकार ने निर्माण कार्य की श्रेणी में जीएसटी दर में 6 प्रतिशत वृध्दि करने का बड़ा निर्णय लिया है. जिसमें जीएसटी दर को 12 प्रतिशत के स्थान पर 18 प्रतिशत करने की मंजूरी दी गई है. इसी अनुरूप नगर विकास एवं आवास विभाग अंतर्गत कार्य संविदाओं में भुगतान व अंतर राशि देयता के लिए प्रक्रिया निर्धारण की राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में स्वीकृति दी गई है. इसके अलावा राज्य मंत्रिपरिषद द्वारा कार्मिक विभाग के प्रस्ताव पर सीएनटी एक्ट का उल्लंघन कर गलत तरीके से कंपनसेशन तय करके आदिवासी भूमि के अवैध हस्तांतरण को विनियमित करने के आरोप में झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी व तत्कालीन बिशेष विनियमन पदाधिकारी रांची सम्प्रति निदेशक डीआरडीए हजारीबाग के मतियस विजय टोप्पो को सेवा से बर्खास्त करने की स्वीकृति प्रदान की.
इनपर बिना किसी जांच आदिवासी जमीन की क्षतिपूर्ति के आधार पर भूमि के अवैध हस्तांतरण का आरोप था और इनके खिलाफ बर्ष 2015 में ही राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने आरोप पत्र तैयार करके कार्रवाई की अनुशंसा की थी. हाईकोर्ट के पारित आदेश के आलोक में वाणिज्यकर विभाग के सेवानिवृत कर्मी राजकुमार की सेवा नियमित करने और अन्य वित्तीय लाभ देने का स्वीकृति दी गई. वहीं विजय कुमार ठाकुर की भी सेवा नियमित करने की मंजूरी दी गई.
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