उदित वाणी, प्रयागराज: प्रयागराज में आयोजित वैष्णव किन्नर अखाड़ा अर्धनारीश्वर धाम में ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला जब अमरजीत शेर गिल को जगत गुरु हिम्गी सखी ने महामंडलेश्वर की उपाधि प्रदान की. अमरजीत सिंह का पटाभिषेक करते हुए उनका नामकरण श्री श्री 1008 साध्वी अमरजीत सखी के रूप में किया गया. यह झारखंड राज्य के लिए गर्व का विषय है, क्योंकि अमरजीत इस उपाधि को प्राप्त करने वाली राज्य की पहली व्यक्ति हैं.
सामाजिक कार्यों में अग्रणी भूमिका
साध्वी अमरजीत सखी पहले से ही एक प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में जानी जाती हैं. वह “उत्थान” नामक संस्था का संचालन करती हैं, जो तृतीय लिंग समुदाय के कल्याण और अधिकारों के लिए कार्य करती है. उनके प्रयासों ने इस समुदाय को समाज में एक नई पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
पेशेवर और आध्यात्मिक जीवन का संगम
अमरजीत जी टाटा स्टील में भी कार्यरत हैं और अपने पेशेवर जीवन के साथ-साथ आध्यात्मिक और सामाजिक दायित्वों को कुशलतापूर्वक निभा रही हैं. महामंडलेश्वर की उपाधि प्राप्त कर उन्होंने झारखंड और तृतीय लिंग समुदाय दोनों को गौरवान्वित किया है.
यह उपाधि न केवल उनके व्यक्तिगत समर्पण और परिश्रम का प्रतीक है, बल्कि समाज में समता और समानता के संदेश को भी मजबूत करती है.
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