सास की हत्या मामले का अलग चलेगा केस
साले, पत्नी और सास पर गोली चलाने के है आरोपी
उदित वाणी,जमशेदपुर: सोनारी थाना छेत्र के कागलनगर स्थित नौलखा अपार्टमेंट में अपने सर्विस रिवाल्वर से सास को मौत के घाट उतार देने वाले पुलिस सब इंस्पेक्टर मनोज गुप्ता को शुक्रवार को पत्नी द्वारा दायर प्रताड़ना के केस में बरी कर दिया गया. सब इंस्पेक्टर मनोज गुप्ता के खिलाफ 7 सितंबर 2018 को उनकी पत्नी पूनम गुप्ता ने एक केस सोनारी थाना में दर्ज कराया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि 4 सितंबर 2018 को सुबह 6.30 बजे उनके पति मनोज गुप्ता कुछ बलात को लेकर झगड़ा झंझट हुआ और उन्होंने उसको मुक्का और फैट से मारा. गंदी गंदी गालियां देते हुए पटककर गर्दन दबाकर जान से मारने की नियत से प्रहार किया. इससे उसके नाक से खून बहने लगा. उसने बताया कि वह जब भी घर पर आते थे, तब उसके साथ मारपीट करते थे और बच्चों को भी गाली गलौज करते थे. उस वक्त मनोज गुप्ता पश्चिम सिंहभूम जिले के गुदड़ी थाना के प्रभारी थे. इस मामले में उनके खिलाफ मारपीट, जान से मारने की कोशिश, प्रताड़ित करने का केस सोनारी थाना में दर्ज किया गया था. इस मामले की सुनवाई जमशेदपुर कोर्ट के प्रथम सत्र न्यायिक दंडाधिकारी सौदामनी सिंह की अदालत में हुई. सब इंस्पेक्टर मनोज गुप्ता की ओर से अधिवक्ता गौरव पाठक ने काफी मजबूती से उनका पक्ष रखा, जिसमें उन्होंने बताया कि कांड की अनुसंधानकर्ता मुनीता कुमारी द्वारा मनोज कुमार को गलत तरीके से फरार दिखाते हुए इस्तेहार लिया गया था और फरार घोषित किया गया था जबकि उस समय मनोज गुप्ता पश्चिम सिंहभूम जिले के सोनुवा में थाना प्रभारी के तौर पर काम कर रहे थे. ऐसे कई दलीलें दी गयी, जिसके आधार पर कोर्ट ने उनको साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. गौरतलब है कि सब इंस्पेक्टर मनोज गुप्ता ने 26 जुलाई 2019 को अपने सोनारी स्थित नौलखा अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 3 / 13 में सुबह 8.22 बजे पत्नी पूनम गुप्ता, चचेरे साले चंदन कुमार और चचेरी सास सीमा देवी पर गोलियां चला दी थी. इस कांड में उसकी चचेरी सास सीमा देवी की मौत हो गयी थी. पत्नी और साला गंभीर रुप से घायल हो गया था. मनोज गुप्ता अभी भी जमशेदपुर के घाघीडीह सेंट्रल जेल में बंद है और हत्या का मुकदमा उनके खिलाफ चल रहा है. वे मूलत: बिहार के छपरा के रहने वाले है.
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