उदित वाणी, नई दिल्ली: मॉस्को की एक अदालत ने टेलीग्राम मैसेंजर पर 70 लाख रूबल (लगभग 80,000 डॉलर) का जुर्माना लगाया है. यह दंड उस रिपोर्ट के बाद लगाया गया जिसमें आरोप था कि टेलीग्राम ने ऐसे कंटेंट को हटाने से इनकार किया जिसमें सरकार विरोधी और चरमपंथी गतिविधियों को बढ़ावा देने की कोशिश की गई थी.
अदालत ने स्पष्ट किया कि टेलीग्राम उन सूचनाओं और चैनलों को हटाने में विफल रहा जिनमें लोगों को हिंसक विरोध, यूक्रेनी सेना को समर्थन और रेलवे परिवहन पर हमलों के लिए उकसाने वाला कंटेंट मौजूद था.
दबाव में लोकप्रिय प्लेटफॉर्म
टेलीग्राम की स्थापना रूसी मूल के उद्यमी पावेल ड्यूरोव ने की थी. वर्तमान में इसका मुख्यालय दुबई में स्थित है. हालांकि यह प्लेटफॉर्म रूस में अत्यधिक लोकप्रिय है, लेकिन लंबे समय से सरकारी निगरानी और प्रतिबंधों के दबाव का सामना करता रहा है. फिलहाल कंपनी ने अदालत के इस निर्णय या जुर्माने पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है.
ड्यूरोव पर लगे गंभीर आरोप
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि टेलीग्राम के संस्थापक पावेल ड्यूरोव मार्च 2025 में दुबई लौटे हैं. इससे पहले अगस्त 2024 में उन्हें गिरफ्तार किया गया था. उनके खिलाफ टेलीग्राम के माध्यम से धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और बाल यौन शोषण सामग्री के प्रसार जैसे गम्भीर आरोपों की जांच की गई थी.
ड्यूरोव कुछ समय तक फ्रांस में भी रहे. उनके दुबई लौटने और अदालत द्वारा लगाए गए इस ताज़ा जुर्माने ने फिर से टेलीग्राम के संचालन और उसकी नीतियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
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