उदित वाणी, जमशेदपुर: नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने मेटा प्लेटफॉर्म्स और व्हॉट्सऐप के पक्ष में बड़ा फैसला दिया है. न्यायाधिकरण ने व्हॉट्सऐप द्वारा मेटा से डेटा साझा करने पर लगाई गई अस्थायी रोक को हटा दिया है.
इस फैसले का प्रभाव देश में व्हॉट्सऐप के 58 करोड़ उपयोगकर्ताओं पर पड़ेगा. उल्लेखनीय है कि व्हॉट्सऐप ने 2021 में अपनी मूल कंपनी मेटा और अन्य प्लेटफॉर्म्स से डेटा शेयरिंग की नीति लागू करने का प्रयास किया था, जिसे भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने चुनौती दी थी.
विज्ञापन उद्देश्यों के लिए डेटा साझा करने पर रोक समाप्त
एनसीएलएटी ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा लगाए गए पांच साल के प्रतिबंध पर रोक लगा दी है. यह प्रतिबंध विज्ञापन उद्देश्यों के लिए डेटा साझा करने को लेकर लगाया गया था.
मेटा ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि वह आगे की कार्रवाई पर विचार करेगी. मेटा का उद्देश्य उन लाखों छोटे व्यवसायों का समर्थन करना है, जो उनकी सेवाओं पर निर्भर हैं.
सीसीआई के आदेशों की पृष्ठभूमि
सीसीआई ने नवंबर 2024 में व्हॉट्सऐप की गोपनीयता नीति को लेकर मेटा पर 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. इसके साथ ही, व्हॉट्सऐप और मेटा को प्रतिस्पर्धा-विरोधी मुद्दों के समाधान के लिए निर्धारित समय सीमा में उपाय लागू करने के निर्देश दिए गए थे.
मेटा और व्हॉट्सऐप ने इस आदेश को एनसीएलएटी में चुनौती दी थी, जो सीसीआई के आदेशों पर अपीलीय प्राधिकरण है.
क्या इस फैसले से यूजर्स की गोपनीयता पर असर पड़ेगा?
एनसीएलएटी के इस निर्णय ने मेटा और व्हॉट्सऐप को राहत जरूर दी है, लेकिन यह सवाल अभी भी बना हुआ है कि डेटा साझा करने की नीति उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता को कैसे प्रभावित करेगी. क्या यह फैसला यूजर्स के हित में होगा, या गोपनीयता से जुड़े नए विवादों का कारण बनेगा?
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