उदित वाणी,जमशेदपुर: 11 जनवरी को माइकल जॉन ऑडिटोरियम में होगा. इस आयोजन में झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल से लगभग 327 युवा नेतृत्वकर्ता और 23 बदलाव के नायक शामिल होंगे. इस वर्ष की थीम है-क्लिक करने से लेकर प्रगति तक: सतत विकास के लिए युवाओं की डिजिटल राह. यह थीम साइबर सुरक्षा, आर्टिफिशियलइंटेलिजेंस की संभावनाओं, जानकारी की अतिवृद्धि के दौर में सत्य और मिथक को अलग करने और सतत विकास लक्ष्यों ( को डिजिटल माध्यम से समझने पर केंद्रित है. इस दो दिवसीय सम्मेलन में ‘लाइफ बैलेंस शीट’ नामक चिंतनशील सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनका उद्देश्य युवाओं को आत्मविश्लेषण के लिए प्रेरित करना है. ये सत्र उन्हें अपने उद्देश्य, यात्रा और व्यक्तिगत विकास के लिए मार्ग तय करने में मदद करेंगे.
युवा लीडर्स को एकजुट करने का प्रयास
सम्मेलन उन युवा लीडर्स को एकजुट करने का प्रयास है, जो भविष्य में आने वाली चुनौतियों जैसे जलवायु संकट, सस्टेनेबिलिटी, डिजिटल परिवर्तन और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की जटिल दुनिया का सामना करने के कगार पर खड़ा है.ध्वनि ग्रामीण सूचना प्रणाली के स्वप्निल अग्रवाल, समता सेंटर के प्रवीण निकम और अंतर्राष्ट्रीय महिला अनुसंधान केंद्र की नासरिन जमाल प्रसिद्ध अतिथियों के पैनल का हिस्सा हैं, जो सूचनात्मक और संवादात्मक सत्र आयोजित करेंगे. ये सत्र युवाओं के विकास यात्रा के महत्वपूर्ण पहलू के रूप में सार्थक चर्चाओं के माध्यम से सवालों का समाधान करने और संवाद को बढ़ावा देने का कार्य करेंगे.
सम्मेलन में 23 चेंजमेकर्स को सम्मानित किया जाएगा
इस सम्मेलन के दौरान 23 चेंजमेकर्स को उनके समाज में असाधारण योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा. इन लोगों ने सामाजिक सुधारों और जागरूकता कार्यक्रमों में अहम भूमिका निभाई है. इस अवसर पर एक विशेष कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन किया जाएगा, जिसका नाम है – “वेयर द माइंड इज विदाउट फियर”, जो नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ ठाकुर की कविता से प्रेरित है. यह किताब ध्वनि की यात्रा को उस दृष्टिकोण से प्रस्तुत करती है, जो युवा चेंजमेकर अपने विचारों और कार्यों के जरिए भविष्य के नेतृत्वकर्ताओं के रूप में आकार ले रहे हैं.
सम्मेलन की शुरूआत सतनाला डैम से
सम्मेलन की शुरुआत एक प्रातःकालीन स्वच्छता अभियान ‘बदलाव के दूत’ से होगी, जो7 से 8 बजे के बीच सतनाला डैम (स्थानीय रूप से डोबो डैम) पर आयोजित किया जाएगा. यह स्थल पिकनिक के लिए प्रसिद्ध है और यहां स्वच्छता अभियान का आयोजन सार्वजनिक स्थानों के प्रति स्वामित्व और जिम्मेदारी का एहसास जगाने के उद्देश्य से किया जा रहा है. लगभग 350 युवा, स्वयंसेवक, आयोजन टीम के सदस्य और कुल मिलाकर 400 से अधिक लोग इस अभियान में भाग लेंगे. हरसाल सम्मेलन के हिस्से के रूप में आयोजित यह स्वच्छता अभियान कूड़े को अलग करने और नागरिकों में कचरे के लिए विशेष स्थानों का उपयोग बढ़ाने की चुनौतियों को देखते हुए बेहद महत्वपूर्ण है. यह जागरूकता और सीखने के एक सक्रियदृष्टिकोण का हिस्सा है, जो युवा वयस्कों में स्वामित्व और जिम्मेदारी की भावना को प्रोत्साहित करता है.
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