उदित वाणी, जमशेदपुर: टाटा स्टील में सुनहरे भविष्य की योजना 4.0 के नाम से लागू ईएसएस (अर्ली सेपरेशन स्कीम) के साथ इस बार जॉब फॉर जॉब स्कीम लागू नहीं किया गया है. कंपनी प्रबंधन ने एक जनवरी से 31 जनवरी तक लागू ईएसएस स्कीम में इसे बंद कर दिया है. जॉब फॉर जाब बंद होने से कर्मचारियों में मायूसी है और वे इसे पुन: चालू कराने की मांग कर रहे हैं. टाटा वर्कर्स यूनियन के कमेटी मेंबरों का एक प्रतिनिधिमंडल सिंटर प्लांट के कमेटी मेंबर संतोष पांडेय के नेतृत्व में शनिवार को यूनियन अध्यक्ष संजीव कुमार चौधरी से मिलकर एक ज्ञापन दिया और इसे पुन: चालू कराने की मांग की.
ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधिमंडल में 25 से अधिक कमेटी मेंबर शामिल थे. कमेटी मेंबर संतोष पांडेय ने कहा कि जॉब फॉर जॉब स्कीम कर्मचारियों के बच्चों के लिए अच्छा अवसर था, जिससे कर्मचारियों के बच्चों का भविष्य टाटा स्टील में सुरक्षित था. इसे एकाएक बंद कर देने से कर्मचारियों के बच्चों का रोजगार का अवसर बंद हो गया. कर्मचारियों के बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर इस पर पुनः विचार कर इसको फिर से बहाल किया जाए.
ज्ञापन की प्रति यूनियन के महामंत्री सतीश कुमार सिंह और डिप्टी प्रेसिडेंट शैलेश कुमार सिंह को भी दी गई है. ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधिमंडल में संतोष पाण्डेय के साथ सिंटर प्लांट के कमेटी मेंबर प्रमोद सिंह, एफएमई से श्यामसुंदर गोप, टयूब से मनोज मिश्रा, सिक्योरिटी से रूपेश पांडेय, इसी विभाग से ब्रजेश पटेल, सिंटर प्लांट से रिंकू कुमार, ईक्यूएमएस से होमेंस कुमार, एसएमडी से प्रदीप दुबे, पावर हाउस से तपन कुमार, ए-एफ ब्लास्ट फर्नेस से राजू महतो, राकेश शुक्ला, एचआरबीपी से उदय कुमार, एएफई से अरिंदम धर, विक्की राय शामिल है.
मालूम हो कि कंपनी प्रबंधन की ओर से पहले जॉब फॉर जाब का आप्शन दिया जाता था, जिसमें कर्मचारी अपने एक बेटा, बेटी, दामाद आदि को नौकरी दे सकते थे. लेकिन कहा जा रहा है कि इस योजना के तहत बहाल अधिकतर कर्मचारियों का व्यवहार कंपनी के कोड आफ कंडक्ट के अनुकुल नहीं होने से कंपनी ने इस बार के ईएसएस में इस आप्शन को ही बंद कर दिया है.
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