उदित वाणी, जमशेदपुर: स्वदेशी उपचार दवाओं और प्रथाओं को संरक्षित और बढ़ावा देने के उद्देश्य से टाटा स्टील फाउंडेशन (टीएसएफ) ने शुक्रवार को टाटा स्टील के सुकिंदा क्रोमाइट माइन परिसर में एक ग्रीन थेरेपी सत्र का आयोजन किया. इस आयोजन ने बमनीपाल, कलिंगनगर और सुकिंदा क्षेत्रों के 50 प्रतिभागियों को एक साथ आने और औषधीय पौधों का उपयोग करके पारंपरिक उपचार विधियों से संबंधित अपने ज्ञान और अनुभवों को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान किया.
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि वक्ता सरकारी आयुर्वेदिक कॉलेज, बलांगीर के सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉ. ब्रम्हानंद महापात्रा, ग्रीन एसेंस फाउंडेशन के प्रबंध निदेशक गौतम मोहंती और संबलपुर के आदिवासी चिकित्सक तहसील टोप्पो उपस्थित थे. वक्ताओं ने कई सामान्य बीमारियों को रोकने के लिए प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए पारंपरिक उपचार में औषधीय पौधों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया. उन्होंने उपचार और समग्र कल्याण में विभिन्न पौधों से प्राप्त आवश्यक तेलों की क्षमता पर भी प्रकाश डाला.
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