उदित वाणी, जमशेदपुर : भारतीय रेल आमजन की रेल है और यही इसकी सबसे बड़ी ताक़त भी. हर वर्ग के यात्रियों को बेहतर, सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा अनुभव देने के अपने संकल्प को आगे बढ़ाते हुए भारतीय रेल अब अत्याधुनिक लेकिन किफायती ट्रेनों की नई शुरुआत कर रही है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के अनुरूप, ‘अमृत भारत ट्रेन’ योजना इसी सोच का विस्तार है. एक ऐसी ट्रेन सेवा, जो भले ही नॉन-एसी हो, लेकिन सुविधाओं के मामले में किसी एसी या सुपरफास्ट ट्रेन से कम नहीं. आधुनिक डिज़ाइन, उच्च गति और न्यूनतम किराया-ये ट्रेनें रेलयात्रा को एक नए अनुभव में बदलने का वादा करती हैं.
सौ अमृत भारत ट्रेनें चलेंगी
भारतीय रेल अगले तीन वर्षों में 100 ‘अमृत भारत ट्रेनें’ चलाने की योजना पर कार्य कर रही है, जो इस दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है. महज 45 पैसे प्रति किलोमीटर के न्यूनतम किराए पर सुपरक्लास अनुभव. यही है ‘अमृत भारत’ की परिकल्पना. 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहरसा से लोकमान्य तिलक टर्मिनस मुंबई के लिए देश की तीसरी अमृत भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे. इसके साथ ही बिहार को मिलेंगी दो अमृत भारत ट्रेनों की सौगात.
फिलहाल दो अमृत भारत ट्रेनें चल रही हैं
फिलहाल दरभंगा–आनंद विहार और मालदा टाउन–एसएमवीटी बेंगलुरु के बीच अमृत भारत ट्रेनें सफलतापूर्वक संचालित हो रही हैं. अब सहरसा से मुंबई को जोड़ने वाली यह नई ट्रेन वर्जन 2.0 में अपग्रेडेड है और यह बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के यात्रियों को एक साथ जोड़ने जा रही है.पहले जो दो अमृत भारत ट्रेन सेट बनाए गए थे, उससे यह ज्यादा एडवांस है. इसमें पैसेंजर सेफ्टी और सुविधाओं के लिए कई नए फीचर्स जोड़े गए हैं. सुरक्षा के लिहाज से पहली बार फायर डिटेक्शन सिस्टम लगाया है. सही समय पर गियर और व्हील की निगरानी की जा सके, इसके लिए ऑनबोर्ड कंडिशनिंग मोनिटरिंग सिस्टम लगाया गया है.
कोच के अंदर की खास बातें
– कोचों को ऐसा बनाया गया है, जिससे उसके अंदर बैठे यात्रियों को झटके न लगें
– कोच के अंदर लाइटिंग की शानदार व्यवस्था की गई है, जो बरबस मन को मोह लेती है
– गार्ड रूम में मॉनिटर और जहां पर सामान रखा जाता है वहाँ सीसीटीवी कैमरे लगे हैं
– नास्ते के लिए फोल्ड करने योग्य टेबल लगे हैं ताकि यात्री सुविधाओं का लुत्फ उठा सकें
– शौचालयों में अत्याधुनिक सुविधाएं हैं, प्रत्येक यात्री के लिए कोच में मोबाइल होल्ड लगे हैं
– दिव्यांगजनों के लिए विशेष शौचालय बनाए गए हैं ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो
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