नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर की नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान सेना द्वारा लगातार 14वें दिन भारी गोलाबारी की गई. गुरुवार देर रात की इस फायरिंग में भारतीय सेना के एक लांस नायक समेत 15 लोगों की मौत हो गई, जबकि 40 से अधिक लोग घायल हुए हैं.रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह हमला पूरी तरह बिना किसी उकसावे के किया गया.
रक्षा मंत्रालय ने दी जानकारी, भारतीय सेना ने दिया करारा जवाब
रक्षा मंत्रालय ने जारी बयान में बताया,”7-8 मई की रात पाकिस्तान की ओर से कुपवाड़ा, बारामूला, उरी और अखनूर सेक्टर में एलओसी पर छोटे हथियारों और तोपखाने से अंधाधुंध फायरिंग की गई. भारतीय सेना ने इस पर मुंहतोड़ जवाब दिया है.”
लांस नायक दिनेश कुमार को राष्ट्र का नमन
सेना की व्हाइट नाइट कोर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “जीओसी और सभी अधिकारी 5 फील्ड रेजिमेंट के लांस नायक दिनेश कुमार को सलाम करते हैं, जिन्होंने 7 मई को पाकिस्तान की गोलीबारी में अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान दिया. हम पुंछ सेक्टर में हुए नागरिक हमले के पीड़ितों के साथ खड़े हैं.”
प्रभावित क्षेत्रों में शुरू हुआ रेस्क्यू, शिक्षा संस्थान बंद
गंभीर हालात को देखते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने एलओसी के संवेदनशील क्षेत्रों से नागरिकों का सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरण शुरू कर दिया है. पुंछ और बारामूला के अस्पतालों में बड़ी संख्या में घायल नागरिक भर्ती हैं. जम्मू मेडिकल कॉलेज में गंभीर घायलों के लिए विशेष वार्ड बनाए गए हैं.जम्मू, पुंछ, राजौरी, सांबा, कठुआ, बारामूला, कुपवाड़ा और गुरेज़ के सभी स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं.वायुसेना ने श्रीनगर एयरपोर्ट का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है और 10 मई तक सभी नागरिक उड़ानें स्थगित कर दी गई हैं.
भारत का पलटवार: नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले
इस घटना से एक दिन पहले भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए थे.रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इन हमलों में सिर्फ आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया, कोई सैन्य प्रतिष्ठान निशाने पर नहीं था.
हमले जिन ठिकानों पर किए गए, उनमें शामिल हैं:
सवई नाला कैंप, मुजफ्फराबाद (पीओके)
मुरिदके और सरजल कैंप, सियालकोट (पाकिस्तान)
मरकज अहले हदीस, बरनाला (पीओके)
मरकज अब्बास और मसकर रहील शहीद गुलपुर, कोटली (पीओके)
मरकज सुभानअल्लाह, बहावलपुर (पाकिस्तान)
सैयदना बिलाल कैंप, मुजफ्फराबाद (पीओके)
मेहमूना जोया कैंप, सियालकोट (पाकिस्तान)
भारत ने रखी स्पष्ट नीति: आतंक पर प्रहार, सेना से टकराव नहीं
भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई केवल आतंकवादी गतिविधियों के विरुद्ध थी. इन हमलों में पाकिस्तानी सेना को निशाना नहीं बनाया गया है, बल्कि सीधे आतंकी नेटवर्क को खत्म करने का प्रयास किया गया है.
(IANS)
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