नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राष्ट्रपति भवन में भेंट की. इस अवसर पर उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी साझा की, जिसके अंतर्गत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित कई आतंकी अड्डों को ध्वस्त किया.राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा एक्स पर साझा किए गए संदेश में बताया गया कि यह अभियान भारतीय थलसेना, वायुसेना और नौसेना की संयुक्त कार्रवाई का परिणाम है.
सैन्य कार्रवाई की रूपरेखा
ऑपरेशन की शुरुआत बुधवार तड़के हुई. रात 1:05 बजे से 1:30 बजे के बीच नौ आतंकी ठिकानों पर 24 मिसाइलों से हमला किया गया. इनमें लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय (मुरीदके) और बहावलपुर का आतंकी प्रशिक्षण केंद्र शामिल थे. इन स्थलों को लंबे समय से आतंकी गतिविधियों के केंद्र के रूप में चिन्हित किया गया था.
सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस सटीक और संतुलित कार्रवाई में लगभग 70 आतंकवादियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है. नागरिक क्षेत्रों और सैन्य ढांचों को निशाना न बनाकर केवल आतंकी शिविरों को लक्ष्य बनाया गया.
प्रधानमंत्री की कैबिनेट में प्रस्तुति
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन की विस्तृत जानकारी साझा की और सशस्त्र बलों की वीरता की सराहना की. कैबिनेट सदस्यों ने इस सफल मिशन के लिए प्रधानमंत्री को बधाई दी और उनके नेतृत्व में पूर्ण विश्वास व्यक्त किया. सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी रात भर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और सैन्य कमांडरों से संपर्क में रहे ताकि अभियान योजना के अनुसार पूरा हो सके.
सेना और विदेश मंत्रालय की संयुक्त प्रेस वार्ता
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर आयोजित संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग में विदेश सचिव विक्रम मिस्री, वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह और थलसेना की कर्नल सोफिया कुरैशी उपस्थित रहीं. अधिकारियों ने आतंकी ठिकानों पर हुए हमलों की क्लिप भी मीडिया को दिखाई.
कर्नल कुरैशी ने बताया कि पाकिस्तान ने वर्षों से पीओके में आतंकी शिविरों, लॉन्च पैडों और भर्ती केंद्रों का नेटवर्क विकसित किया था. ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य इन्हीं संरचनाओं को ध्वस्त करना था.
विंग कमांडर व्योमिका सिंह के अनुसार, अभियान का समय और लक्ष्य इस तरह से चुने गए कि नागरिक संरचना को कोई क्षति न पहुंचे.
POK में लक्षित हमले: तीन दशकों की बुनियाद हिली
कर्नल कुरैशी ने जानकारी दी कि ऑपरेशन की योजना विशेष रूप से उन शिविरों पर केंद्रित थी जहां 2024 और 2025 में भारत में हुए आतंकी हमलों के अपराधियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया था. इनमें सोनमर्ग, गुलमर्ग और हालिया पहलगाम हमलों के आतंकवादी शामिल थे. मुजफ्फराबाद का सवाई नाला कैंप पहला लक्ष्य था, जो नियंत्रण रेखा से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित था.
सर्वदलीय बैठक का आयोजन
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के मद्देनज़र केंद्र सरकार ने 8 मई को प्रातः 11 बजे संसद पुस्तकालय भवन में सर्वदलीय बैठक बुलाई है. बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू मौजूद रहेंगे.
बैठक का उद्देश्य विपक्षी नेताओं को अभियान की जानकारी देना और भविष्य की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीतियों पर विचार-विमर्श करना है.
(IANS)
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