
उदित वाणी, आदित्यपुर: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफल कार्रवाई के बाद, भारत सरकार ने पाकिस्तान की आतंकी साजिशों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष उजागर करने के उद्देश्य से एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल गठित किया. इस प्रतिनिधिमंडल को सात समूहों में विभाजित कर अलग-अलग देशों में भेजा गया, ताकि भारत की स्थिति को प्रभावी रूप से रखा जा सके. झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के सांसद सरफराज अहमद भी इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे. उन्होंने अपनी यात्रा के अनुभव साझा करते हुए बताया कि “जिस भी देश में हम गए, भारत की ओर से मजबूती के साथ बात रखी और हमें सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिलीं.”
कोलंबिया ने पाकिस्तान का साथ क्यों दिया? अहमद का बड़ा दावा
सरफराज अहमद ने कोलंबिया दौरे का ज़िक्र करते हुए कहा कि वहां भारत पहुंचने से पहले ही पाकिस्तान के पक्ष में एक आधिकारिक बयान जारी कर दिया गया था. उन्होंने बताया, “जब हम वहां पहुंचे और सवाल उठाया कि आपने ऐसा क्यों किया, तो बातचीत के बाद अगले ही दिन की बैठक से पहले कोलंबिया ने अपना रुख बदला. यह भारत की कूटनीतिक सफलता थी.”
“देशहित में यह यात्रा अत्यंत आवश्यक थी”
सरफराज अहमद ने कहा कि यह पूरा अभियान भारत की सुरक्षा और सम्मान के लिए अत्यंत आवश्यक था. उन्होंने कहा, “पाकिस्तान लगातार आतंकियों को संरक्षण दे रहा है. ऐसे में यह ज़रूरी हो गया था कि दुनिया को बताया जाए कि भारत आतंकवाद का शिकार है, और उसे समर्थन नहीं, सहयोग चाहिए.”
अमेरिका में सकारात्मक चर्चा, उपराष्ट्रपति से हुई विशेष मुलाकात
उन्होंने बताया कि अमेरिका दौरे के दौरान प्रतिनिधिमंडल की भेंट उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से भी हुई, जो बेहद सकारात्मक रही. अहमद ने कहा, “हमारी मीटिंग सबसे अंत में थी, लेकिन उन्होंने हमें भरपूर समय दिया. पहलगाम हमले के दौरान वे भारत में ही थे, और घटनाक्रम से भलीभांति अवगत थे.” वेंस ने भी माना कि इस बार आतंकियों ने सीधे आम नागरिकों को निशाना बनाया, जो अत्यंत निंदनीय है. अहमद के अनुसार, “कोई भी राष्ट्र ऐसी आतंकी हरकतों को स्वीकार नहीं कर सकता.”
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