वित्त विभाग के आदेश के आलोक में रोका गया था वेतन
उदित वाणी, जमशेदपुर : वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश के आलोक में शिक्षकों के बंचिंग मुद्दे पर जिले के 700 शिक्षकों का मानदेय रोक दिया गया था. इसे लेकर पिछले कई दिनों से संघर्षरत अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के निवेदन एवं सुझाव के आलोक में सोमवार को जिला शिक्षा अधीक्षक, पूर्वी सिंहभूम द्वारा बंचिंग से प्रभावित शिक्षकों के रोके गए वेतन को अंततः जारी करने का आदेश जारी कर दिया गया.
ज्ञात हो कि उक्त मुद्दे पर संघ के प्रतिनिधियों के साथ दो दौर की वार्ता में बंचिंग मुद्दे पर वित्त विभाग से मार्गदर्शन मांगने तथा शिक्षकों के वेतन भुगतान जारी करने की मांग पर जिला शिक्षा अधीक्षक, पूर्वी सिंहभूम ने सहमति जताते हुए शीघ्र वेतन जारी करने का आश्वासन दिया था. उक्त आलोक में सोमवार को वेतन आदेश जारी कर दिए जाने पर शिक्षक संघ के सुनील कुमार, शिव शंकर पोलाई, सरोज कुमार लेंका, संजय कुमार, अनिल प्रसाद, संजय केसरी, मधिया सोरेन, ओम प्रकाश सिंह आदि ने जिला शिक्षा अधीक्षक, पूर्वी सिंहभूम का आभार व्यक्त किया है साथ ही जिले के शिक्षकों को उनकी एकता तथा सहयोग के लिए धन्यवाद दिया है.
दरअसल पिछले दिनों पूर्वी सिंहभूम में कार्यरत वर्ष 1999, 2000, 2004 एवं 2005 बैच के शिक्षकों का मार्च माह का वेतन रोक दिया गया था. इसके पीछे वित्त विभाग की उस चिट्ठी का हवाला दिया गया था, जिसमें वित्त विभाग ने पत्र में बताया था कि एक जनवरी 2006 यानी छठा वेतनमान लागू होने से पूर्व बहाल जिन कर्मियों को भी बंचिंग का लाभ (वेतन की असमानता को दूर करने के लिए अतिरिक्त इंक्रीमेंट) मिला है, वह गलत मिला है. अब बंचिंग का लाभ लेने वाले कर्मियों के वेतन में कटौती का आदेश दिया गया है. इस आदेश के बाद जिले के करीब 700 शिक्षकों के वेतन रोक दिया गया था और यह भी चर्चा शुरू कर दी गई थी कि उनके वेतन में प्रतिमाह 6000 से 8000 रुपये की कटौती हो सकती है. यही नहीं, बल्कि करीब 20 वर्षों में उन्होंने जो भी अतिरिक्त राशि वेतन के रूप में ली है, उसकी रिकवरी भी की जा सकती है.
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