उदित वाणी, रांची: राज्य की हेमंत सरकार झारखंड में अबुआ दिशुम अबुआ राज नहीं, बल्कि अबुआ दिशुम दिकू राज स्थापित करना चाहती है. प्रदेश भाजपा प्रवक्ता रमाकांत महतो ने यह बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि यही कारण है कि राज्य में पूर्व में बनी लोकप्रिय नियोजन एवं स्थानीय नीति को निरस्त कर हेमंत सरकार बगैर नीति बनाए बाहरियों को नौकरियां बांट रहें हैं. उन्होंने कहा कि विगत 5 बर्षों से अबतक के कार्यकाल के बीच जेएसएससी एवं सरकारी संस्थाओं द्वारा जितनी भी नियुक्तियां हुई है.
उनमें से 75 प्रतिशत से अधिक अभ्यर्थी झारखंड राज्य के बाहर के हैं. साथ ही जितनी भी नियुक्तियां हुई हैं सभी में जमकर धांधली भी हुई. पेपर लीक हुए. कई मामलों में विवादों की वजह से जेएसएससी चेयरमैन को इस्तीफा तक देना पड़ा. मामला हाईकोर्ट तक भी पहुंचा. परन्तु सरकार कोर्ट की अवहेलना करने से भी पीछे नहीं रही.
उन्होंने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि यदि हिम्मत है, तो हेमंत सरकार द्वारा अबतक की गई हजारों नियुक्तियां को लेकर श्वेत पत्र जारी करे औा बताये कि कितने बाहरी और कितने झारखंडी को नौकरी दी गई है. वहीं प्रदेश भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मईयाओं के खाते में हर महीने की 11 तारीख को राशि भेजने में सरकार विफल हो चुकी है. सरकार राशि देने में हांफने लगी है और कभी भी वेंटिलेटर पर जा सकती है.
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