उदित वाणी, रांची: राज्य निर्वाचन आयुक्त डी के तिवारी के निर्धारित चार साल का कार्यकाल इसी सप्ताह 22 मार्च को समाप्त हो जायेगा. ऐसे में राज्य निर्वाचन आयुक्त की नई नियुक्ति नहीं होने से राज्य में 48 स्थानीय शहरी निकायों में चुनाव कराने के लिए चल रही प्रक्रिया के प्रभावित होने की संभावना है. ज्ञात हो कि राज्य में नगर निकाय चुनाव कराने का झारखंड हाईकोर्ट में मामला विचाराधीन है और राज्य सरकार द्वारा निकाय चुनाव कराने को लेकर हाईकोर्ट से समय मांगी गई है. स्थानीय निकाय चुनाव में पिछड़ी जातियों के आरक्षण के विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल टेस्ट को अनिवार्य कर दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि अगर कोई राज्य बगैर ट्रिपल टेस्ट के स्थानीय निकाय चुनाव कराना चाहे तो पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षित सीट को अनारक्षित मान कर चुनाव कराना होगा. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में राज्य सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग को ट्रिपल टेस्ट की जिम्मेवारी सौंपी है और बताया गया है कि आयोग द्वारा दो निकायों को छोड़कर ट्रिपल टेस्ट कराने कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है. इस बीच राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निकाय चुनाव को लेकर चुनाव आयोग से मतदाता सूची लेकर उसे स्थानीय निकायों की सीमा के आलोक में तैयार किया गया है.
मतदाता सूची तैयार होने के बाद जिला मुख्यालयों द्वारा इसे प्रकाशित करने के बाद आपत्तियां मांगी गयी है. आपत्तियों का समाधान करने के बाद जिला मुख्यालयों द्वारा इसे प्रकाशित कर दिया जाएगा. शहरी निकायों के चुनाव के मद्देनजर फिलहाल जिलों में जांच कर मतदान केंद्रों की सूची तैयार की जा रही है.
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