उदित वाणी, रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा को पूरी तरह टेकओवर करेंगे. हेमंत पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन का स्थान लेंगे. झामुमो द्वारा सोमवार से आहूत दो दिवसीय 13वें केन्द्रीय महाधिवेशन में संशोधन प्रस्ताव पेश किया गया. जानकारी के मुताबिक पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के पद को समाप्त कर दिया गया और संस्थापक संरक्षक का एक नया पद सुजित किया गया. बताया गया कि जिसके तहत हेमंत सोरेन अब झामुमो के नये केन्द्रीय अध्यक्ष होंगे और शिबू सोरेन संस्थापक संरक्षक की भूमिका निभायेंगे. वहीं जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री सोरेन की पत्नी व विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन को भी केन्द्रीय टीम में अहम जगह दी जायेगी. यद्यपि उपरोक्त संबंध में पार्टी द्वारा अधिकारिक घोषणा नहीं की गई है.
परंतु बताया गया कि पार्टी द्वारा दिशोम गुरू शिबू सोरेन के खराब स्वास्थ्य को देखते हुए यह व्यवस्था की जा रही है. वहीं हेमंत सोरेन ने झामुमो को अबतक के सबसे उंची मुकाम तक पहुचाया है. लिहाजा मंगलवार को पार्टी महाधिवेशन के दूसरे दिन पार्टी संविधान में संशोधन को मंजूरी दी जायेगी तथा इसके साथ ही झामुमो के केन्द्रीय पदाधिकारियों, कार्यकारिणी व केन्द्रीय समिति की नई टीम की गठन की भी घोषणा की जायेगी. वहीं राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने कहा कि कल्पना सोरेन ने मुश्किल वक्त में पार्टी को संभाला है. इसलिए उन्हें केन्द्रीय टीम में अहम जिम्मेदारी दी जायेगी.
हेमंत सोरेन के दौर में झामुमो ने किया सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
हेमंत सोरेन ने झामुमो को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के दौर में पहुंचाया है. उन्हें पार्टी द्वारा बर्ष 2015 को जमशेदपुर में आयोजित 10वें केन्द्रीय महाधिवेशन के दौरान कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था. वहीं नेता प्रतिपक्ष के पद पर रहते हुए उन्होंने संघर्ष यात्रा के जरिए तत्कालीन रघुवर दास सरकार के खिलाफ माहौल बनाया और भाजपा को बर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया. विपरीत परिस्थितियों में गिरफ्तारी के बावजूद उन्होंने लोकसभा चुनाव में चमत्कार कर दिखाया तथा सभी पांचों आदिवासी सुरक्षित लोकसभा सीटों पर झामुमो-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशियों ने कब्जा जमाया.
इसके बाद बर्ष 2024 के विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में पार्टी ने अबतक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 34 सीटों पर विजय पताका लहराया और राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में दोबारा सत्ता में वापसी की. यही नहीं इंडी गठबंधन में शामिल कांग्रेस, राजद और वामदलों को मिलाकर गठबंधन ने 81 में से 56 सीटों पर फतह हासिल की.
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