उदित वाणी, कांड्रा: पूर्व पार्षद सिद्धनाथ सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन अंचलाधिकारी को सौंपा. इसमें गम्हरिया को आदित्यपुर नगर निगम से हटाकर अलग नगर परिषद बनाने की मांग की गई.
आबादी एक लाख से अधिक, फिर भी भेदभाव?
ज्ञापन में बताया गया कि गम्हरिया क्षेत्र के आठ वार्डों की आबादी एक लाख से अधिक है, लेकिन आदित्यपुर नगर निगम द्वारा इन वार्डों के साथ लगातार भेदभाव किया जा रहा है. विकास योजनाओं के चयन और क्रियान्वयन में गम्हरिया की अनदेखी की जा रही है.
सड़क निर्माण में भी असमानता
नगर निगम द्वारा पूरे क्षेत्र में सड़क सुधार कार्य के तहत अलकतरा बिछाया जा रहा है, लेकिन गम्हरिया के कई वार्डों में यह कार्य 10% से भी कम हुआ है. वहीं, आदित्यपुर के बेहतर सड़कों पर भी बुटमिन्स (अलकतरा) किया जा रहा है. जबकि सभी 35 वार्डों से समान टैक्स लिया जाता है, फिर यह भेदभाव क्यों?
योजनाएं टेंडर के बाद भी अधूरी
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि 2021 में गम्हरिया के कई वार्डों में विकास योजनाओं के टेंडर जारी किए गए, लेकिन अब तक कोई काम धरातल पर नहीं उतरा.
अतिक्रमण पर नगर निगम की चुप्पी
गम्हरिया क्षेत्र में अतिक्रमण की समस्या को लेकर कई बार नगर निगम को लिखित शिकायत दी गई. सैकड़ों लोगों ने विरोध प्रदर्शन भी किया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.
राज्य स्तरीय जांच की मांग
सिद्धनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री से राज्य स्तरीय टीम गठित कर आदित्यपुर नगर निगम के पिछले पांच वर्षों के कार्यों की जांच कराने की मांग की. इसके साथ ही प्रत्येक वार्ड में खर्च की गई राशि और योजनाओं की प्रगति की भी जांच की जाए.
बैठक में शामिल प्रमुख लोग
इस अवसर पर डीएन सिंह, श्याम सुंदर साह, उमाशंकर राय, कामदेव राय, अमरेश ईश्वर, चंदेश्वर यादव, लक्ष्मण सिंह, प्रभात ठाकुर, अनय सिंह, संजय सिंह, श्याम सुंदर मालाकार, राजू रजक, शैलेश तिवारी, विशाल सिंह और अमरेंद्र कुमार सहित कई लोग मौजूद थे.
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