उदित वाणी, नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज गृह मंत्रालय की संसदीय परामर्शदात्री समिति की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक का मुख्य विषय ‘साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध’ था, जिसमें साइबर अपराधों से निपटने की रणनीतियों पर चर्चा की गई।
डिजिटल क्रांति के साथ साइबर सुरक्षा पर फोकस
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत डिजिटल क्रांति का साक्षी बन रहा है। इस विशाल डिजिटल विस्तार को ध्यान में रखते हुए साइबर खतरों से निपटने की आवश्यकता है।
AI से म्यूल अकाउंट्स की पहचान
सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करके म्यूल अकाउंट्स (फ्रॉडulent बैंक अकाउंट्स) की पहचान करने और धोखाधड़ी को ऑपरेट होने से पहले ही रोकने के लिए नई तकनीकों पर काम कर रही है।
साइबर अपराध रोकने के लिए मोदी सरकार की 4-स्तरीय रणनीति
गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि मोदी सरकार साइबर अपराधों से निपटने के लिए चार रणनीतिक स्तंभों पर काम कर रही है:
- Convergence – सभी संबंधित एजेंसियों के बीच समन्वय।
- Coordination – केंद्रीय और राज्य स्तर पर तालमेल।
- Communication – साइबर सुरक्षा के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना।
- Capacity Building – साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए संसाधन विकसित करना।
जागरूकता और हेल्पलाइन 1930 पर जोर
अमित शाह ने कहा कि साइबर अपराध रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। उन्होंने साइबर हेल्पलाइन ‘1930’ के प्रचार-प्रसार पर भी जोर दिया, ताकि लोग धोखाधड़ी का शिकार होने पर तुरंत शिकायत दर्ज करा सकें।
साइबर सुरक्षा में तीन स्तरों पर प्रयास जरूरी
गृह मंत्री ने कहा कि साइबर स्पेस को सुरक्षित बनाने के लिए तीन स्तरों पर ध्यान देना होगा:
- सॉफ्टवेयर – अधिक सुरक्षित और एडवांस टेक्नोलॉजी का उपयोग।
- सर्विसेज़ – डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को सुरक्षित बनाना।
- यूजर्स – नागरिकों को साइबर सुरक्षा के प्रति शिक्षित करना।
सांसदों ने दिए सुझाव, सरकार की पहल की सराहना
बैठक में उपस्थित सदस्यों ने साइबर अपराध से निपटने के लिए अपने सुझाव दिए और सरकार द्वारा उठाए गए सुरक्षा उपायों की सराहना की। साइबर सुरक्षा भारत की डिजिटल प्रगति के लिए बेहद आवश्यक है। सरकार इस दिशा में तकनीकी और नीतिगत दोनों स्तरों पर ठोस कदम उठा रही है।
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